आज कल सोशल मीडिया पर तरह-तरह की एडिटिंग करके फेक वीडियो और फोटो वायरल होते रहती हैं। जिससे न सिर्फ वीडियो और फोटो संबंधित व्यक्ति की छवि पर खराब असर पड़ता है, बल्कि यह व्यक्ति के सम्मान को भी क्षति पहुंचती है। इसी कड़ी में हाल ही में एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना का एक फेक वीडियो वायरल हुआ है। जिसमें रश्मिका का चेहरा संपादित कर एक युवती के वीडियो में लगाया गया है और इस वीडियो को प्रसारित किया गया है। इस वीडियो को लेकर सेलेब्स आपत्ति दर्ज कर रहे हैं। वहीं आईटी मंत्री ने भी ऐसी सामग्रियों को लेकर आपत्ति दर्ज की थी। अब ऐसे मामलों से निपटने को लेकर केन्द्र सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों के लिए परामर्श जारी किया है।
सोशल मीडिया कंपनियों के लिए परामर्श जारी
इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय के अनुसार महत्वपूर्ण सोशल मीडिया मध्यस्थों द्वारा अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कंप्यूटर संसाधनों के उपयोगकर्ताओं (यूजरों) को किसी अन्य व्यक्ति की नकल करने वाली किसी भी जानकारी को होस्ट, प्रदर्शित, अपलोड, संशोधित, प्रकाशित, प्रसारित, स्टोर, अपडेट या साझा न करने के लिए उचित प्रयास करते हुए केंद्र सरकार ने आज महत्वपूर्ण सोशल मीडिया मध्यस्थों को परामर्श जारी किया है।
डीपफेक की पहचान की जाए
केन्द्र सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि उचित सावधानी बरती जाए और गलत सूचना तथा डीपफेक की पहचान करने के लिए उचित प्रयास किए जाएं और विशेष रूप से ऐसी जानकारी जो नियमों और विनियमों और/या उपयोगकर्ता समझौतों के प्रावधानों का उल्लंघन करती हैं।
इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा है कि इस तरह के मामलों में सूचना प्रौद्योगिकी नियम-2021 के अंतर्गत निर्धारित समय-सीमा में तुरंत कार्रवाई की जानी चाहिए।
36 घंटे के अंदर हटाई जाए वीडियो
सरकार द्वारा जारी परामर्श में कहा गया है कि ऐसी किसी भी सामग्री की रिपोर्ट किए जाने के 36 घंटे के भीतर उसे हटा दिया जाए।
कंपनियों को यह भी याद दिलाया गया है कि सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और नियमों के संबंधित प्रावधानों के अंतर्गत कार्रवाई करने में विफल रहने पर सूचना प्रौद्योगिकी नियम-2021 के नियम-सात के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है और उन्हें सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा-79(1) के तहत मिले संरक्षण से वंचित किया जा सकता है।
जारी परामर्श
-सुनिश्चित करें कि उचित सावधानी बरती जाए और गलत सूचना तथा डीपफेक की पहचान करने के लिए उचित प्रयास किए जाएं और विशेष रूप से ऐसी जानकारी जो नियमों और विनियमों और/या उपयोगकर्ता समझौतों के प्रावधानों का उल्लंघन करती है।
-ऐसे मामलों पर आईटी नियम 2021 के तहत निर्धारित समय सीमा के भीतर शीघ्र कार्रवाई की जाती है, और
-उपयोगकर्ताओं से ऐसी जानकारी/सामग्री/डीपफेक को होस्ट नहीं करने के लिए कहा जाता है।
-ऐसी किसी भी सामग्री की रिपोर्ट किए जाने के 36 घंटे के भीतर उसे हटा दें।
– आईटी नियम 2021 के अंतर्गत निर्धारित समय सीमा के भीतर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करें और सामग्री/सूचना तक पहुंच (एक्सेस) को अक्षम करें।
क्या होता है डीपफेक वीडियो
डीप लर्निंग के जरिए डीपफेक शब्द आया है। यह मशीन लर्निंग का पार्ट है और यहां डीप का अर्थ है मल्टीपल लेयर। आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क पर बेस्ड होता है। डीपफेक एक तकनीक है जिसमें एआई का उपयोग करके वीडियो,छवियों और ऑडियों में हेरफेर किया जा सकता है। इस तकनीक की मदद से किसी दूसरे व्यक्ति की फोटो या वीडियो पर किसी और का चेहरा लगाकर उसे बदला जा सकता है। इस तकनीक में एआई का इस्तेमाल करके फ़ेक वीडियो बनाई जा सकती है जो देखने में रियल लगती है लेकिन होती फेक है। इसी कारण इसका नाम डीपफेक रखा गया।