सनातन धर्म में शक्तिपीठों का विशेष स्थान है। यह सभी स्थान हिन्दू आस्था का प्रमुख केन्द्र है। देवी पुराण में 51 शक्तिपीठों का वर्णन मिलता है। जिसमें भारत में 42, पाकिस्तान में 1, बांग्लादेश में 4, श्रीलंका में 1, तिब्बत में 1 और नेपाल में 2 शक्तिपीठ स्थित हैं।

आज के इस खबर में हम बात करेगे पाकिस्तान में स्थित हिंगलाज शक्तिपीठ की। तो कहीं मत जाइये बने रहिए खबर के साथ…

पाकिस्तान के कब्जे वाले बलूचिस्तान में हिंगोल नदी के तट पर स्थित हिंगलाज माता का मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है। यह मन्दिर पाकिस्तान में वैष्णो देवी मन्दिर के नाम से प्रसिद्ध है।
धर्म शास्त्रों के अनुसार, यहां पर देवी सती का ब्रह्मरंध्र (मस्तिष्क) गिरा था। इस मंदिर को हिंगुला देवी और नानी का मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर पाकिस्तान में हिंदू समुदाय के बीच आस्था का प्रमुख केंद्र है। भारत की वैष्णो देवी की गुफा की तरह यहां भी माता गुफा के अंदर विराजमान है।



नवरात्रि के नौ दिनों में माता हिंगलाज के दरबार में पाकिस्तान के साथ-साथ भारत से भी हजारों भक्त पहुंचते हैं और मनोरथ सिद्धि के लिए मन के चरणों में माथा टेकते हैं। मनोरथ सिद्धि के लिए गुरुनानक देव, दादा मखान और गुरु गोरखनाथ जैसे आध्यात्मिक संत यहां आ चुके हैं और उन्होंने भी माँ के दर्शन किए हैं।

मान्यता है कि परशुरामजी ने 21 बार दुष्ट प्रवृत्ति के क्षत्रियों का अंत किया था। ऐसे में बचे हुए क्षत्रिय मां हिंगलाज की शरण में गए और अपनी रक्षा के लिए प्रार्थना की थी। तब माता ने क्षत्रियों को अभयदान प्रदान किया। लोक किवदन्ती यह भी है कि रावण-वध के पश्चात ब्रह्महत्या के पाप से मुक्ति के लिए भगवान राम ने भी माता हिंगलाज के दर्शन कर इस पावन स्थल पर यज्ञ किया था।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हिंगलाज माता के दरबार में जो भी भक्त शीश नवाता है, उसे पूर्वजन्मों के कष्टों को नहीं भोगना पड़ता। ऊंची पहाड़ी पर मां हिंगलाज का गुफा के अंदर दरबार है और भगवान शिव यहां भीमलोचन भैरव रूप में प्रतिष्ठित हैं। मंदिर के परिसर में भगवान गणेश, कालिका माता की प्रतिमा भी स्थापित है।

बलुचिस्तान के मुसलमान भाई माता हिंगलाज भवानी को नानी कहकर बुलाते हैं और इनकी पूजा करते हैं। हिंगला माता चारण वंश के लोगों की कुल देवी मानी जाती हैं। जब पाकिस्तान का अस्तित्व नहीं था और यह मंदिर भारतीय क्षेत्र में आता था तब लाखों लोग हर रोज मां के दर्शन करने के लिए पहुंचते थे।
हिंगलाज माता के मंदिर पर कई बार पाकिस्तान के चरमपंथी हमला कर चुके हैं लेकिन माता को नुकसान नहीं पहुंचा पाया है। स्थानीय हिन्दुओं ने अनेक बार चरमपंथियों के हमले से मंदिर की रक्षा की है।

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By pratik khare

पत्रकार प्रतीक खरे झक्कास खबर के संस्थापक सदस्य है। ये पिछले 8 वर्ष से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने कई समाचार पत्र, पत्रिकाओं के साथ - साथ समाचार एजेंसी में भी अपनी सेवाएं दी है। सामाजिक मुद्दों को उठाना उन्हें पसंद है।

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