यूपी के हरदोई में एक किसान ने पारंपरिक खेती जैसे गेहूं, गन्ना, धान की फसल को छोड़कर केले की खेती की शुरुआत की. जिससे वह हर फसल पर लाखों की कमाई कर रहा है. साथ ही मिर्च की बुवाई से लागत को भी कम कर दिया. हरदोई के किसान विमलेंद सिंह जो कि एक जिज्ञासु व्यक्ति हैं. वह बताते हैं कि सप्ताह में वह एक दिन अपने क्षेत्र में घूमते हैं. बेहतर किसानी करने वाले किसानों से मिलते हैं और उनसे खेती करने के टिप्स लेते हैं और सीखते हैं. इसी तरह दो वर्ष पहले उनकी मुलाकात एक किसान से हुई जो कि केले की खेती करते हैं. जिनसे इन्होंने केले की खेती करने की विधि समझी और और दो वर्ष पहले यह अपने खेतों में गन्ना उगाया करते थे. मगर जब इन्हें पता चला कि गन्ने से बेहतर इस केले की खेती में मुनाफा है, तो इन्होंने इसकी शुरुआत कर दी और आज ये इस खेती से लाखों का तगड़ा मुनाफा कमा रहे है.

हरदोई के किसान विमलेंद सिंह का कहना है कि उन्होंने दो साल पहले केले की खेती की शुरुआत की थी. जिससे वह अभी तक दो बार फसल की कटाई कर चुके हैं और अब तीसरी फसल भी तैयार होने को है. जिसका अब काटने का इंतजार है. किसान विमलेंद सिंह कहना है कि यदि कोई किसान इस फसल को करना चाह रहा है. तो इसके लिए उसे कुछ खास सावधानियां नहीं बरतनी हैं. बस बुवाई के बाद उनका रख रखाव व बीमारी लगने पर समय से दवा का छिड़काव साथ ही इसमें हर 15 दिन पर चूने का इस्तेमाल करना होता है, ताकि पौधों में कैल्शियम की कमी ना रहे.


कम लागत में ज्यादा मुनाफा
किसान विमलेंद सिंह का कहना है कि जब उन्होंने दो वर्ष पहले केले की खेती की शुरुआत की थी तो उन्होंने महाराष्ट्र से पौधे मंगवाकर बुवाई कराई थी. साथ ही अपने 18 बीघे के खेत में उन्होंने केले की खेती के साथ ही मिर्च की खेती भी की थी. जिससे उनकी लागत 5 लाख के आसपास आई थी और बचत साढ़े पांच लाख हुई थी. वहीं लागत का आधा मिर्च की खेती से निकल आया था. वहीं इस बार जो फसल की कटाई हुई है. जिसमें उनकी 1 लाख 85 हजार लागत आई और 8 लाख की बचत हो गई है. वहीं अभी तीसरी फसल की कटाई का इंतजार भी कर रहे हैं.

आपको ये जानकारी कैसी लगी नीचे कमेंट बॉक्स में अपने विचार जरुर शेयर करें। ऐसी ही और अन्य जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट क्लिक कीजिए।

By pratik khare

पत्रकार प्रतीक खरे झक्कास खबर के संस्थापक सदस्य है। ये पिछले 8 वर्ष से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने कई समाचार पत्र, पत्रिकाओं के साथ - साथ समाचार एजेंसी में भी अपनी सेवाएं दी है। सामाजिक मुद्दों को उठाना उन्हें पसंद है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights