Jnanpith Award: भारतीय ज्ञानपीठ न्यास द्वारा ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’ भारतीय साहित्य के लिए दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है। भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार की स्थापना साल 1965 में की गयी थी। देश का कोई भी व्यक्ति जो भारतीय संविधान की 8वीं अनुसूची में बताई गई 22 भाषाओं में से किसी भी भाषा में लिखता हो इस पुरस्कार के योग्य है। अब तक हिन्दी तथा कन्नड़ भाषा के लेखक सबसे अधिक 7 बार इस सम्मान को प्राप्त कर चुके हैं। साल 1965 में मलयालम लेखक जी शंकर कुरुप को प्रथम ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

ज्ञानपीठ पुरस्कार के बारें में संक्षिप्त जानकारी:

पुरस्कार का वर्गसाहित्य
स्थापना वर्ष1965
पुरस्कार राशि11 लाख रुपये
प्रथम विजेताजी शंकर कुरुप (मलयालम)
भारत की प्रथम महिला विजेताआशापूर्णा देवी (बांग्ला)
आखिरी विजेतादामोदर माऊज़ो (2021/2022)
विवरणभारतीय साहित्य के लिए दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार

ज्ञानपीठ पुरस्कार में कितनी पुरस्कार राशि दी जाती है?

इसमें पुरस्कार स्वरूप 11 लाख रुपये, प्रशस्तिपत्र और वाग्देवी की कांस्य प्रतिमा प्रदान की जाती है। जब वर्ष 1965 में ज्ञानपीठ पुरस्कार की स्थापना हुई थी, तो उस समय पुरस्कार राशि मात्र एक लाख रुपये थी। वर्ष 2005 में पुरस्कार राशि को एक लाख रुपये से बढाकर सात लाख रुपये कर दिया गया, जो वर्तमान में ग्यारह लाख रुपये हो चुकी है।


58वां ज्ञानपीठ पुरस्कार:

शनिवार को 58वें ज्ञानपीठ पुरस्कार की घोषणा हो गई है। इसकी घोषणा करते हुए ज्ञानपीठ चयन समिति ने बताया कि इस साल मशहूर गीतकार और कवि गुलजार और संस्कृत विद्वान जगद्गुरु रामभद्राचार्य को इसके लिए चुना किया गया है। इन दोनों को ही 58वें ज्ञानपीठ समारोह में सम्मानित किया जाएगा।

57वां ज्ञानपीठ पुरस्कार 2021/2022:

दामोदर माऊज़ो गोवा के उपन्यासकार, कथाकार, आलोचक और निबन्धकार हैं। इनके द्वारा रचित एक उपन्यास कार्मेलिन के लिये उन्हें सन् 1983 में साहित्य अकादमी पुरस्कार (कोंकणी) से सम्मानित किया गया था।

56वां ज्ञानपीठ पुरस्कार 2020:

मलयालम के प्रमुख कवि अक्कीथम को 56वें ज्ञानपीठ पुरस्कार के लिए चुना गया था। ज्ञानपीठ चयन बोर्ड ने एक बैठक में 56 वें ज्ञानपीठ पुरस्कार 2019 के लिए मलयालम के प्रसिद्ध भारतीय कवि अक्कीथम को चुना था। अक्कीथम का नाम मलयालम कविता जगत में आदर के साथ लिया जाता है। उनका जन्म 1926 में हुआ था और पूरा नाम अक्कीथम अच्युतन नम्बूदिरी है और वह अक्कीथम के नाम से लोकप्रिय हैं। उन्होंने 55 पुस्तकें लिखी हैं जिनमें से 45 कविता संग्रह है। पद्म पुरस्कार से सम्मानित अक्कीथम को सहित्य अकादमी पुरस्कार, केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार (दो बार) मातृभूमि पुरस्कार, वायलर पुरस्कार और कबीर सम्मान से भी नवाजा जा चुका है।

वर्ष 1965 से अब तक ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेताओं की सूची:-

वर्षज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित साहित्यकार
2021/2022दामोदर माऊज़ो (कोंकणी)
2020नीलामणि फूकन (असामी)
2019अक्कीतम अच्युतन नंबूदिरी (मलयालम)
2018अमिताव घोष (अंग्रेजी)
2017कृष्णा सोबती (हिन्दी)
2016शंख घोष (बांग्ला)
2015रघुवीर चौधरी (गुजराती)
2014भालचन्द्र नेमाड़े (मराठी) एवं रघुवीर चौधरी (गुजराती)
2013केदारनाथ सिंह (हिन्दी)
2012रावुरी भारद्वाज (तेलुगू)
2011प्रतिभा राय (ओड़िया)
2010चन्द्रशेखर कम्बार (कन्नड)
2009अमरकान्त व श्रीलाल शुक्ल (हिन्दी)
2008अखलाक मुहम्मद खान शहरयार (उर्दू)
2007ओ.एन.वी. कुरुप (मलयालम)
2006रवीन्द्र केलकर (कोंकणी) एवं सत्यव्रत शास्त्री (संस्कृत)
2005कुँवर नारायण (हिन्दी)
2004रहमान राही (कश्मीरी)
2003विंदा करंदीकर (मराठी)
2002दण्डपाणी जयकान्तन (तमिल)
2001राजेन्द्र केशवलाल शाह (गुजराती)
2000इंदिरा गोस्वामी (असमिया)
1999निर्मल वर्मा (हिन्दी) एवं गुरदयाल सिंह (पंजाबी)
1998गिरीश कर्नाड (कन्नड़)
1997अली सरदार जाफरी (उर्दू)
1996महाश्वेता देवी (बांग्ला)
1995एम.टी. वासुदेव नायर (मलयालम)
1994यू.आर. अनंतमूर्ति (कन्नड़)
1993सीताकांत महापात्र (ओड़िया)
1992नरेश मेहता (हिन्दी)
1991सुभाष मुखोपाध्याय (बांग्ला)
1990वी.के.गोकक (कन्नड़)
1989कुर्तुल एन. हैदर (उर्दू)
1988डॉ. सी नारायण रेड्डी (तेलुगु)
1987विष्णु वामन शिरवाडकर कुसुमाग्रज (मराठी)
1986सच्चिदानंद राउतराय (ओड़िया)
1985पन्नालाल पटेल (गुजराती)
1984तक्षी शिवशंकरा पिल्लई (मलयालम)
1983मस्ती वेंकटेश अयंगर (कन्नड़)
1982महादेवी वर्मा (हिन्दी)
1981अमृता प्रीतम (पंजाबी)
1980एस.के. पोट्टेकट  (मलयालम)
1979बिरेन्द्र कुमार भट्टाचार्य (असमिया)
1978एच. एस. अज्ञेय (हिन्दी)
1977के. शिवराम कारंत (कन्नड़)
1976आशापूर्णा देवी (बांग्ला)
1975पी.वी. अकिलानंदम (तमिल)
1974विष्णु सखा खांडेकर (मराठी)
1973दत्तात्रेय रामचंद्र बेन्द्रे (कन्नड़) एवं गोपीनाथ महान्ती (ओड़िया)
1972रामधारी सिंह दिनकर (हिन्दी)
1971विष्णु डे (बांग्ला)
1970विश्वनाथ सत्यनारायण (तेलुगु)
1969फ़िराक गोरखपुरी (उर्दू)
1968सुमित्रानंदन पंत (हिन्दी)
1967के.वी. पुत्तपा (कन्नड़) एवं उमाशंकर जोशी (गुजराती)
1966ताराशंकर बंधोपाध्याय (बांग्ला)
1965जी शंकर कुरुप (मलयालम)

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By pratik khare

पत्रकार प्रतीक खरे झक्कास खबर के संस्थापक सदस्य है। ये पिछले 8 वर्ष से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने कई समाचार पत्र, पत्रिकाओं के साथ - साथ समाचार एजेंसी में भी अपनी सेवाएं दी है। सामाजिक मुद्दों को उठाना उन्हें पसंद है।

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