लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने वैक्सीन मामले पर भाजपा का घेराव करते हुए बुधवार को कहा कि सरकार सौदागर नहीं होनी चाहिए। चंदे के नाम पर कुछ करोड़ रुपयों के लिए देश की 80% आबादी का जीवन ख़तरे में डालनेवाली पैसों की लालची पार्टी को देश की जनता लोकसभा चुनाव में बुरी तरह हराकर अपना जवाब देगी। देशभर की डरी हुई जनता अपना वैक्सिनेशन सर्टिफिकेट निकालकर देख रही है कि उसे कौन सी वैक्सीन लगी है।
अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, “हमने पहले भी कहा था, अब भी कह रहे हैं कि पूरी तरह से जाँच-परीक्षण के बिना वैक्सीन दिया जाना सही नहीं था।” अब जब विदेशी कोर्ट में कोविशील्ड वैक्सीन बनानेवाली कंपनी ने ख़ुद इसके बुरे साइड इफ़ेक्ट के बारे में स्वीकार कर लिया है तो फिर जनता को और क्या सबूत चाहिए।
अब भाजपाई जहाँ भी जाएंगे, जनता के जीवन का सवाल उनका पीछा करेगा। इसका शिकार तो भाजपा के समर्थक भी हुए हैं। वैक्सीन के बुरे असर और जनता के विरोध के कारण, भाजपाइयों का डर तो आम जनता के डर से दोगुना हो गया है। धीरे-धीरे पनपते जन विरोध को देखते हुए भाजपाइयों के घरों और वाहनों से झंडे उतर गये हैं और गलों से भाजपा के पट्टे भी क्योंकि आम भाजपाई को तो सुरक्षा का कोई घेरा नहीं मिला है।अब देखें भाजपा कैसे अपने मंचों से दावा करती है कि उसने कोरोनाकाल में जनता की जान बचाने का काम किया है; जबकि सच में जान जोखिम में डालने का काम किया है। भाजपा ने एक वैश्विक महामारी की आपदा में भी कोविड के टीके के प्रमाणपत्र में तस्वीर छापकर अपने प्रचार का अवसर ढूँढ लिया था। अब जब लोग अपने वैक्सिनेशन सर्टिफिकेट को देख रहे हैं, तो उनका विरोध और ग़ुस्सा और बढ़ रहा है।
देश की सम्पत्ति बेचनेवालों ने, चंद पैसों के लिए देश की करोड़ों लोगों की ज़िंदगियों की भी बाज़ी लगा दी है। अब जनता भाजपा को हमेशा के लिए हटाकर अपना वर्तमान और भविष्य दोनों सुरक्षित कर लेगी।