अमेठी । ख्वाहिशों से नहीं गिरते फूल झोली में अपने कर्म की सांख को हिलाना पड़ता है, अंधेरे को कोसने से कुछ नहीं होता अपने हिस्से का दिया खुद ही जलाना पड़ता है। ग्रामीण अंचल में रोजगार के अवसर कम होते हैं और ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं रोजगार के लिए दर-दर भटकती हैं। वीडियो लिंक…


लेकिन अमेठी की एक महिला हैं रिंकी सिंह जिन्होंने आज खुद के रोजगार की शुरुआत कर अपने जीवन में न सिर्फ बदलाव लाया है बल्कि उन्होंने अन्य बेरोजगार महिलाओं और युवतियों को रोजगार देकर उनके चेहरे पर मुस्कान बिखेरने का काम किया है।


रिंकी सिंह जिले के गौरीगंज के अन्नीबैजल गांव की रहने वाली है। हिंदी विषय से परास्नातक तक की पढाई करने वाली रिंकी सिंह कई वर्षों तक रोजगार के लिए परेशान रही। बार-बार आने वाली प्रतियोगी परीक्षा में उन्होंने अपनी किस्मत आजमाई लेकिन जब उन्हें रोजगार नहीं मिला तो उन्होंने अपने खुद के रोजगार की शुरुआत की।
रिंकी सिंह ने समूह की सहायता से कपड़े बनाने का कारखाना खोला और कपड़े बनाने का कार्य शुरु किया… आज इस कारखाने से अच्छा लाभ हो रहा है।


रिंकी सिंह बताती है कि पहले उनके जीवन में मुसीबत का अंबार था लेकिन आज समूह में जोड़ने के बाद उनकी किस्मत बदल गई। उन्होंने अन्य महिलाओं को भी अपने साथ काम में रखा है और आज वह भी अच्छा खासा मुनाफा कमा रही है।

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By pratik khare

पत्रकार प्रतीक खरे झक्कास खबर के संस्थापक सदस्य है। ये पिछले 8 वर्ष से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने कई समाचार पत्र, पत्रिकाओं के साथ - साथ समाचार एजेंसी में भी अपनी सेवाएं दी है। सामाजिक मुद्दों को उठाना उन्हें पसंद है।

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