केन्द्र सरकार डेयरी फार्मिंग और मुर्गी पालन के अलावा सुअर पालन के लिए आर्थिक सहायता दे रही है। सरकार द्वारा नेशनल लाइव स्टॉक मिशन के तहत किसानों को सुअर पालन के लिए छूट दी जा रही है। यह स्कीम खेती के साथ पशु पालन से किसानों की आमदनी बढ़ाने के उद्देश्य से चलाई जा रही है।
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ मनोज कुमार अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र सरकार नेशनल लाइव स्टॉक मिशन के तहत किसानों की आय को बढ़ावा देने के लिए सुअर पालन को बढ़ावा दे रही है। सुअर को मांस उत्पादन के लिए पाला जाता है। सरकार की इस स्कीम के तहत किसान 100 मादा सुअर और 10 नर सुअर पाल सकते हैं। इस पर किसानों को 50% सब्सिडी मिलती है।
सुअर पालन की इस स्कीम का लाभ लेने के लिए किसानों को विभाग की उद्यम मित्रा वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन फॉर्म भरना होगा। इस स्कीम का लाभ लेने के लिए किसान को सुअर पालन का पंजीकृत संस्था से प्रशिक्षण लेना जरूरी है। इसके अलावा किसान के पास 2 एकड़ भूमि होना भी जरूरी है।
भूमि पर किसी तरह का कोई पहले से लोन नहीं होना चाहिए। अगर किसान की जमीन पर किसान क्रेडिट कार्ड भी चल रहा है, तो भी वह किसान सुअर पालन की स्कीम का लाभ लेने से वंचित रह जाएगा। अगर किसान के पास अपनी जमीन ना हो तो वह 10 साल के लिए पंजीकृत लीज पर जमीन लेकर भी सुअर पालन कर सकता है।
किसान को सुअर पालन की स्कीम का लाभ लेने के लिए 60 लाख रुपए की प्रोजेक्ट रिपोर्ट ऑनलाइन फार्म के दौरान प्रस्तुत करनी होगी। इसके बाद पशु चिकित्सा विभाग की टीम जांच कर रिपोर्ट सौंपेगी। फॉर्म कंप्लीट होने के बाद संबंधित बैंक को भेज दिया जाएगा। इसके बाद बैंक अपनी शर्तों पर किसान को लोन देगा।
60 लाख रुपए की स्कीम में 6 लाख रुपए कृषक अंश रहेगा, जबकि 24 लाख बैंक से लोन लेने की बाध्यता रहेगी। किसान द्वारा 25% खर्च करने के बाद 15 लाख रुपए की छूट खाते में आ जाएगी। प्रोजेक्ट पूरा होने पर छूट की दूसरी किस्त किसान के खाते में भेजी जाएगी।