Independence Day 2024: 15 अगस्त, यानी स्वतंत्रता दिवस आते ही, आसमान में चारों ओर पतंगें उड़नी शुरू हो जाती हैं। सभी बच्चे अपने घरों की छत पर कई दिन पहले से ही पतंग उड़ाते नजर आ जाते हैं। सिर्फ बच्चे ही क्यों, बड़ों में भी पतंग उड़ाने का खूब जोश होता है। कई लोग तो आपस में पतंग उड़ाने का मुकाबला भी करते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि 15 अगस्त (Independence Day history) जैसे-जैसे करीब आने लगता है, आसमान पतंगों से क्यों ढक जाती है? आखिर लोग इस दिन पतंग क्यों उड़ाते हैं। इसी सवाल का जवाब हम इस आर्टिकल में जानने की कोशिश करेंगे। आइए जानें।

खुशी नहीं, विरोध की निशानी थी पतंग

15 अगस्त पर पतंग उड़ाने की परंपरा आज भले ही बड़ी मजेदार और खुशहाल लगती है। लोग खुश होकर पतंग उड़ाते हैं, एक-दूसरे की पतंग काटते भी हैं और काई पो चे के नारे लगाते हैं। लेकिन इसकी शुरूआत खुशहाल नहीं है। आजादी से पहले साइमन कमिशन के खिलाफ अपना विरोध जताने के लिए लोगों ने 1928 में साइमन गो बैक (Simon Go Back) के नारे लगाए थे। इस विरोध को और गति देने के लिए लोगोंं ने पतंग पर साइमन गो बैक लिखकर आसमान में उड़ाया था। उस समय आज की तरह तिंरगे या रंग-बिरंगी पतंगों को नहीं उड़ाया गया था। अपना आक्रोश दर्शाने के लिए लोगों ने काले रंग की पतंग उड़ाई थी।

कैसे बनी स्वतंत्रता का प्रतीक?

हालांकि, आजादी के बाद पतंग उड़ाने की ये परंपरा बरकरार रही और अब लोग इस आजादी के प्रतीक के रूप में उड़ाते हैं। आकाश में हवा में लहराती पतंग इस बात को दर्शाती है कि भारत भी अब आजाद है और खुलकर अपनी उड़ान भर सकता है। इस साल 15 अगस्त को भारत 78वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा। अंग्रेजों की गुलामी की बेड़ियों को तोड़कर आजादी हासिल करने के लिए हमारे वीर स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानी और बहादुरी के प्रति अपनी कृतज्ञता दिखाने के लिए भी इस दिन आजादी के जश्न को पतंग उड़ाकर मनाया जाता है। आसमान में फहराते अपने तिरंगे झंडे के साथ-साथ कई तिरंगे के रंग की पतंगें भी आसमान से भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई की गाथा को बयां करती हैं।

सावधानी भी है जरूरी

15 अगस्त के खास मौके पर पतंग उड़ाने का महत्व भले ही बहुत खास है, लेकिन इसके कारण कई दुर्घटनाएं भी हो सकती हैं। इसलिए जरूरी है कि पतंग उड़ाते समय आप कुछ खास बातों का ख्याल रखें, ताकि आपको और आपके आस-पास के लोगों या किसी जीव को कोई नुकसान न पहुंचे। पतंग का मांजा खरीदते समय खास सावधानी बरतें।

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By pratik khare

पत्रकार प्रतीक खरे झक्कास खबर के संस्थापक सदस्य है। ये पिछले 8 वर्ष से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने कई समाचार पत्र, पत्रिकाओं के साथ - साथ समाचार एजेंसी में भी अपनी सेवाएं दी है। सामाजिक मुद्दों को उठाना उन्हें पसंद है।

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