Dussehra 2024: सनातन धर्म में प्रत्येक वर्ष आश्विन माह की दशमी तिथि को दशहरा यानी कि विजयदशमी का पर्व मनाया जाता है। विजयदशमी को अधर्म पर धर्म और बुराई पर अच्छाई का प्रतीक भी माना जाता है। इस दिन मान्यता के अनुसार मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु राम ने लंका पति रावण का वध किया था। इस दिन रावण का दहन भी किया जाता है। विजयदशमी के दिन देवी दुर्गा ने नौ दिनों के युद्ध के बाद महिषासुर असुर का अंत भी किया था और अंत में देवी देवताओं को बुराइयों से मुक्ति भी दिलाई थी इस वजह से सनातन धर्म में विजयदशमी का पर्व बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं इस शुभ दिन पर नीलकंठ पक्षी के दर्शन करना भी बेहद शुभ माना जाता है। कहा जाता है अगर दशहरे के दिन व्यक्ति नीलकंठ पक्षी के दर्शन कर लें, तो किस्मत खुल जाती है। उसे सुख सौभाग्य में भी वृद्धि होती है। तो चलिए आज हम आपको इस रिपोर्ट में बताते हैं कि दशहरे के दिन क्यों नीलकंठ पक्षी के दर्शन करना माना जाता है बेहद शुभ। क्या है वजह ।
दरअसल अयोध्या के ज्योतिष पंडित कल्कि राम बताते हैं दशहरे का पर्व सनातन धर्म बहुत महत्वपूर्ण होता है धार्मिक मान्यता के अनुसार इस प्रभु राम ने लंका पर विजय प्राप्त किया था और रावण का वध किया था। दशहरे के दिन रावण का दहन किया जाता है। तो वहीं इस दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन करने से जीवन में सुख सौभाग्य की भी वृद्धि होती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार दशहरा के दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन के बाद प्रभु श्री राम ने रावण पर विजय हासिल की थी।

इतना ही नहीं कहा जाता है कि जब प्रभु श्री राम रावण का वध करके आए तो उन पर ब्रह्म हत्या का पाप भी लगा था। पापों के पश्चाताप के लिए उन्होंने लक्ष्मण के साथ भगवान भोलेनाथ की पूजा आराधना की थी। जिसे शिवजी ने प्रसन्न होकर नीलकंठ पक्षी के रूप में भगवान राम और लक्ष्मण को दर्शन दिए थे। इस वजह से दशहरे के पावन मौके पर नीलकंठ पक्षी के दर्शन करना बेहद शुभ माना जाता है।