अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस (IWD) प्रतिवर्ष 23 जून को मनाया जाता है। यह दिन दुनिया भर में विधवाओं के सामने आने वाली कठिनाइयों और चुनौतियों के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए मनाया जाता है। समाज में विधवाओं द्वारा झेली जाने वाली सामाजिक, आर्थिक, स्वास्थ्य और अन्य समस्याओं को उजागर करने के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा 2010 में अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस की स्थापना की गई थी।

जीवनसाथी को खोने का दर्द किसी को भी तोड़कर रख सकता है। खासतौर पर महिलाएं अपने पति को खोने के बाद बहुत ही बेसहारा महसूस करती हैं। दुनियाभर में कई विधवाएं गरीबी, भेदभाव और सामाजिक बहिष्कार का सामना करती हैं।
इस लिए हर साल अंतरराष्ट्रीय विधवा दिवस 23 जून को मनाया जाता है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य है, विश्व स्तर पर विधवाओं को सशक्त बनाने के महत्व को बढ़ावा देना।

आइए जानते हैं, इस दिन का इतिहास, महत्व और थीम….

अंतरराष्ट्रीय विधवा दिवस का इतिहास
अंतरराष्ट्रीय विधवा दिवस को पहली बार 23 जून, 2011 को संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता दी गई थी। जिसमें वैश्विक स्तर पर विधवाओं के सामने आने वाली कठिनाइयों, अधिकारों और कल्याण करने के उद्देश्य से इस दिन को मनाने की मान्यता मिली।
अंतरराष्ट्रीय विधवा दिवस की स्थापना विभिन्न संगठनों के प्रयासों से प्रेरित थी, जिसमें लूम्बा फाउंडेशन भी शामिल था। यह एक अंतरराष्ट्रीय चैरिटी है, जो विधवाओं के अधिकारों के हक के लिए लड़ती है। इस फाउंडेशन ने विधवाओं की चुनौतियों को दूर करने के लिए अथक प्रयास किया। लूम्बा फाउंडेशन ने विधवाओं के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान भी चलाया।

हालांकि, संयुक्त राष्ट्र द्वारा इसे स्वीकार किए जाने से पहले ही लूम्बा फाउंडेशन 2005 से ही इस दिन को मना रहा है । इस फाउंडेशन की स्थापना लंदन में हाउस ऑफ लॉर्ड्स के सदस्य राजिंदर पॉल लूम्बा ने विकासशील देशों में विधवाओं की समस्याओं के समाधान के लिए की थी।

अंतरराष्ट्रीय विधवा दिवस का महत्व
अंतरराष्ट्रीय विधवा दिवस का मुख्य उद्देश्य है कि दुनियाभर में विधवाओं के जीवन को बेहतर बनाना और उन्हें पूरे अधिकारों की मान्यता मिले। इसी मकसद को पूरा करने के लिए हर साल अंतरराष्ट्रीय विधवा दिवस मनाया जाता है। विधवाओं को उचित रोजगार, आय, पेंशन और सामाजिक सुरक्षा आदि सुविधाएं देने के लिए इस दिन चर्चा की जाती है। संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि विधवाओं को अपना और अपने परिवार का भरण-पोषण करने में सक्षम होना चाहिए। इसके लिए सामाजिक भेदभाव को दूर करना आवश्यक है।

अंतरराष्ट्रीय विधवा दिवस की थीम
संयुक्त राष्ट्र हर साल दुनिया भर में विधवाओं के सामने आने वाली कठिनाइयों को दूर करने के लिए लोगों को जागरूक करता है। इसके लिए एक नई थीम की घोषणा करता है। इस साल की थीम “लैंगिक समानता के लिए नवाचार और प्रौद्योगिकी” है।

By pratik khare

पत्रकार प्रतीक खरे झक्कास खबर के संस्थापक सदस्य है। ये पिछले 8 वर्ष से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने कई समाचार पत्र, पत्रिकाओं के साथ - साथ समाचार एजेंसी में भी अपनी सेवाएं दी है। सामाजिक मुद्दों को उठाना उन्हें पसंद है।

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