Advice to sugarcane farmers: मौजूदा समय गन्‍ने की फसल की बुआई का काम चल रहा रहा है। गन्‍ना किसानों को इस समय खास सावधानी बरतने की जरूरत होती है। खासकर बीज को लेकर जरूर अलर्ट रहना चाहिए। जरा सी लापरवाही गन्‍ना किसानों की पूरी मेहनत पर पानी फेर सकती है। कृषि एक्‍सपर्ट और ब्रीडिंग इंस्‍टीट्यूट कोयंबटूर के पूर्व निदेशक से जानते हैं कि किसानों को किस तरह की सावधानी बरतने की जरूरत होती है।

पूर्व निदेशक बक्‍सीराम बताते हैं कि गन्‍ने का बीज लेते समय इस बात का जरूर ध्‍यान रखना चाहिए कि ऐसे किसी भी खेत से गन्‍ने का बीज न लें, जिस खेत में एक भी गन्‍ने में बीमारी दिख रही हो। सामान्‍य किसानों का मानना होता है कि गन्‍ने का पूरा खेत ठीक है, केवल एक गन्‍ने के पेड़ में बीमारी लगने से क्‍या फर्क पड़ने वाला है। किसानों की यही सोच नुकसान पहुंचा सकती है। इस तरह के खेत से बीज नहीं लेना चाहिए।



इस खेत का बीज किसान की पूरी सफल खराब कर सकती है, साथ ही, मिट्टी भी खराब हो सकती है। इसलिए ऐसे किसी भी खेत से बीज न लें, जिसमें एक भी पेड़ खराब दिख रहा हो। किसी तरह की गन्‍ने की बीमारी से बचने के लिए किसानों को आसपास की शुगर मिल में जाना चाहिए। अगर किसान पश्चिमी उत्‍तर प्रदेश का रहने वाला है तो मुजफ्फनगर गन्‍ना संस्‍थान भी जा सकता है। वहां से जानकारी ले सकता है। अन्‍यथा शुगर मिल में बेहतर सलाह मिल सकती है।

उन्‍होंने बताया कि अगर किसी में खेत में गन्‍ने में लाल निशान की बीमारी लग गयी है तो किसान को उस खेत में एक बार गन्‍ने की फसल रोककर दूसरी फसल बोनी चाहिए। बेहतर होगा कि धान की फसल करे। इससे खेतों में पानी भरा रहता है, जिससे अगर मिट्टी में बीमारी के किटाणु हैं तो वो भी खत्‍म हो जाएंगे और अगली बार गन्‍ने की अच्‍छी फसल होगी।

विकल्‍प के तौर पर ये बीज
विकल्‍प के रूप में co s13235 या colk 14201 बोना चाहिए। इस किस्‍म में Co 0238 जैसी पैदावार भले ही न मिले, लेकिन बीमारी लगने की आशंका कम से कम होगी। हालांकि केवल इस किस्‍म के बीज बोने से लाभ होने वाला नहीं है। गन्‍ने में बीमारी लगने के बाद वहां की मिट्टी भी खराब हो जाती है। इसलिए उसे शोधन करके उपजाऊ बनाना चाहिए। इसके बाद विकपल्‍प के रूप में दूसरे किस्‍म के बीज बोने चाहिए।

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By pratik khare

पत्रकार प्रतीक खरे झक्कास खबर के संस्थापक सदस्य है। ये पिछले 8 वर्ष से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने कई समाचार पत्र, पत्रिकाओं के साथ - साथ समाचार एजेंसी में भी अपनी सेवाएं दी है। सामाजिक मुद्दों को उठाना उन्हें पसंद है।

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