किसान संगठनों ने दिल्ली चलो का आव्हान किया है। जिसके चलते हजारों किसान विरोध प्रदर्शन के लिए दिल्ली पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। इसको देखते हुए दिल्ली, पंजाब और हरियाणा के बॉर्डर को सीज कर दिया गया है और आने-जाने वाली हर गाड़ी की जांच की जा रही है। किसानों का यह विरोध न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी सहित कई अन्य मांगों को लेकर है। हालांकि इसमें प्रमुख मांग एमएसपी कानून को लेकर है। आइये जानते हैं कि न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी क्या है, इसको लेकर किसान क्या मांग कर रहे हैं? 

न्यूनतम समर्थन मूल्य क्या है?

न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी वह निश्चित राशि है, जिस पर केंद्र, राज्य सरकारें और उनकी एजेंसियों किसानों से खाद्यान्न खरीदती हैं। एक तरह से एमएसपी किसानों को दी जानी वाली एक गारंटी की तरह होती है। इसमें तय किया जाता है कि बाजार में किसानों की फसल किस दाम पर बिकेगी। केंद्र सरकार फसलों की एक न्यूनतम कीमत तय करती है। एमएसपी तय होने के बाद, सरकार किसानों से तय कीमत पर ही फसलें खरीदती है। चाहे बाजार में फसलों की कीमत जो भी हो। अर्थात घटे या बढ़े। उदाहरण के लिए अगर किसी फसल की एमएसपी 50 रुपये तय की गई है और बाजार में वो फसल 40 रुपये में बिक रही है तो भी सरकार, किसानों से उस फसल को 50 रुपये में ही खरीदेगी। एमएसपी का उद्देश्य फसल की कीमत में उतार-चढ़ाव के बीच किसानों को नुकसान से बचाना है। 

किन फसलों पर अभी लगता है एमएसपी?

किसानों से खरीदी जाने वाली 23 फसलों पर एमएसपी लागू की गई है। इन 23 फसलों में से 7 अनाज गेहूं, बाजरा, ज्वार, धान, मक्का, रागी और जौ होती हैं। 5 दालें जिनमें अरहर, मूंग, चना, उड़द और मसूर होती है।वहीं 7 तिलहन सोयाबीन, मूंगफली, सरसो, कुसुम, सूरजमुखी, तिल और नाइजरसीड होती है। 4 अन्य फसलें इनमें कपास, खोपरा (भूसी रहित नारियल), गन्ना और कच्चा जूट शामिल हैं।

अनाज: गेहूं, बाजरा, ज्वार, धान, मक्का, रागी और जौ

दाल: अरहर, मूंग, चना, उड़द और मसूर

तिलहन: सोयाबीन, मूंगफली, सरसो, कुसुम, सूरजमुखी, तिल और नाइजरसीड

अन्य फसल – कपास, खोपरा (भूसी रहित नारियल), गन्ना और कच्चा जूट

एमएसपी को लेकर किसान की मांग 

दिल्ली कूच कर रहे किसानों की मांग है कि केंद्र सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य अर्थात एमएसपी की गारंटी वाला कानून लाए। दिल्ली कूच से पहले 12 फरवरी को किसानों और केंद्रीय मंत्रियों के बीच बैठक भी हुई है, हालांकि इसमें एएसपी जैसी मांगों पर सहमति नहीं बन पाई। 

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One thought on “Farmers protest : क्या है एमएसपी (MSP), जिसकी मांग पर अड़े हैं किसान”

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