Vande Bharat Metro Name Change: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को पहली नमो भारत रैपिड रेल (Namo Bharat Raid Rail) की सौगात सोमवार को दी। उन्होंने हरी झंडी दिखाकर इस ट्रेन को रवाना किया। पीएम मोदी ने अहमदाबाद मेट्रो रेल एक्सटेंशन के दूसरे चरण का उद्घाटन भी किया। मेट्रो रेल नेटवर्क का दूसरा चरण गुजरात मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (GMRC), गुजरात सरकार और केंद्र सरकार के सहयोग से विकसित किया गया है। उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री ने गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत और मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के साथ सेक्शन 1 मेट्रो स्टेशन से गिफ्ट सिटी मेट्रो स्टेशन तक मेट्रो की सवारी भी की।
आपको मालूम हो कि नमो भारत रैपिड रेल का पहले नाम वंदे मेट्रो रखा गया था लेकिन इंडियन रेलवे (Indian Railway) ने उद्घाटन से ठीक पहले इस ट्रेन का नाम बदलकर नमो भारत रैपिड रेल कर दिया। इससे पहले मेरठ से दिल्ली के बीच चलने वाली RRTS ट्रेन का नाम रैपिडेक्स से बदलकर नमो भारत रैपिड रेल किया गया था। नमो भारत रैपिड रेल की सर्विस आधिकारिक तौर पर मंगलवार से शुरू होगी। इस दिन पीएम मोदी (PM Modi) का जन्मदिन भी है। आज हम आपको नमो भारत रैपिड रेल की खासियत से लेकर रूट, टाइमिंग और किराया तक के बारे में बताने जा रहे हैं। इसके साथ ही हम यह भी बताएंगे कि देश में पहली मेट्रो कहां चली थी और उसमें विशेष क्या था?
कहां से कहां तक चलेगी नमो भारत रैपिड रेल
नमो भारत रैपिड रेल गुजरात के कच्छ जिले स्थित भुज से प्रदेश की राजधानी अहमदाबाद तक चलेगी। यह ट्रेन भुज से अहमदाबाद की कुल दूरी 359 किलोमीटर को 5:45 घंटे में पूरी करेगी। नमो भारत रैपिड रेल (ट्रेन नंबर 94802) भुज से सुबह 5:05 बजे खुलेगी और उसी दिन सुबह 10:50 बजे अहमदाबाद पहुंच जाएगी। इसके बाद अपने रिटर्न ट्रिप के लिए ट्रेन नंबर 94801 अहमदाबाद-भुज नमो भारत रैपिड रेल अहमदाबाद से शाम 5:30 बजे रवाना होगी और रात 11:10 बजे भुज पहुंचेगी।
किन-किन स्टेशनों पर दिया गया है ठहराव
नमो भारत रैपिड रेल का ठहराव रास्ते में 9 स्टेशनों पर दिया गया है। यह ट्रेन अंजार, गांधीधाम, भचाऊ, समखियाली, हलवद, ध्रांगध्रा, वीरमगाम, चांदलोदिया और साबरमती स्टेशन पर रुकेगी। यह ट्रेन औसतन 2 मिनट रुकते हुए यात्रा पूरी करेगी। नमो भारत रैपिड रेल सप्ताह में 6 दिन चलेगी। भुज से हर रविवार को इसकी सेवा नहीं मिलेगी जबकि अहमदाबाद से इसकी सेवा शनिवार को नहीं मिलेगी।
नमो भारत रैपिड रेल का कितना होगा किराया
नमो भारत रैपिड रेल का मिनिमम किराया 30 रुपए रखा गया है। इस पर जीएसटी, सुपरफास्ट सरचार्ज और रिजर्वेशन चार्ज भी देय होगा। नमो भारत रैपिड रेल में यदि आप 50 किमी की यात्रा करते हैं तो आपको 60 रुपए और GST और अन्य चार्जेज देने होंगे। इससे ऊपर हर किलोमीटर पर 1।20 रुपए का मूल किराया बढ़ते जाएगा। भुज से अहमदाबाद तक पूरी यात्रा के लिए प्रति यात्री किराया 455 रुपए देना होगा। इस ट्रेन में सीजन टिकट भी उपलब्ध है। साप्ताहिक, पखवाड़ा और मासिक सीजन टिकट में भी छूट मिलेगी। प्रति यात्री को टिकट पर क्रमशः 7 रुपए, 15 रुपए और 20 रुपए की छूट दी जा सकती है।
क्या-क्या होंगी सुविधाएं
नमो भारत रैपिड रेल का निर्माण वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों की तर्ज पर किया गया है। हालांकि नमो भारत रैपिड रेल में वंदे भारत से ज्यादा सुविधाएं दी गई हैं। इसमें यात्रियों के आराम के लिए गद्देदार सोफे की भी व्यवस्था है। यह ट्रेन दो शहरों के बीच यात्रियों को जल्दी से पहुंचने की सुविधा देगी। यह मेट्रो एक सेमी-हाई स्पीड ट्रेन है, जो 100 से 250 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी। इस ट्रेन में टक्कर से बचने के लिए ‘कवच’ जैसी उन्नत सुरक्षा प्रणाली लगी है। इसमें दिव्यांगों के अनुकूल व्हीलचेयर-टॉयलेट, पूरी तरह से सीलबंद फ्लेक्सिबल गैंगवे और फूड सर्विस जैसी सुविधाएं भी हैं।
नमो भारत रैपिड रेल आधुनिक सेंसर से है लेस
नमो भारत रैपिड रेल आधुनिक सेंसर से लेस है। हर कोच में आग और धुएं का पता लगाने वाला सेंसर सिस्टम लगाया गया है। इसकी मदद से झटपट किसी भी धुएं का तुरंत पता लगा जाएगा। इस ट्रेन के डिजाइन की बात करें तो इसमें 3×3 बेंच-टाइप सीट लगाई गई है। इसका मकसद ज्यादा से ज्यादा यात्रियों को आरामदायक यात्रा देना है। सुरक्षा के लिहाज से देखें तो नमो भारत रैपिड रेल के कोच में टॉक-बैक सिस्टम लगाया गया है। इसकी मदद से कोई भी यात्री किसी इमरजेंसी की स्थिति में ट्रेन के ड्राइवर से सीधे बातचीत कर सकता है। इस ट्रेन में 12 एयर कंडीशनर कोच हैं। इसमें फोन चार्जिंग स्टेशन, सीसीटीवी, सेंट्राइज कंट्रोल ऑटोमेटिक स्लाइडिंग डोर, एलईडी लाइटिंग, रूट मैप इंडिकेटर शामिल हैं।
कब चली थी भारत की पहली मेट्रो ट्रेन
हमारे देश में सबसे पहली मेट्रो ट्रेन कोलकाता में चली थी। इसकी शुरुआत 24 अक्टूबर 1984 को हुई थी। यह मेट्रो एस्पलानेड से भवानीपुर (अब नेताजी भवन) के बीच कुल 3।4 किमी तक चली थी। इस मेट्रो ने कुल 12 स्टेशनों को कवर किया था। इसमें से 6 एलिवेटेड और 6 भूमिगत थे। यह देश की पहली भूमिगत मेट्रो प्रणाली थी। इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को मंजूरी 1 जून 1972 को दी गई थी और उसी साल 29 दिसंबर को मेट्रो रेलवे, कोलकाता की आधारशिला रखी गई थी। इसके बाद लगातार कोलकाता मेट्रो रेल सर्विस का विस्तार किया गया। 29 दिसंबर 2010 को मेट्रो रेलवे को क्षेत्रीय रेलवे का दर्जा प्रदान किया गया। आपको मालूम हो कि दुनिया में पहली मेट्रो ट्रेन ब्रिटेन की राजधानी लंदन में चली थी। इसकी शुरुआत 1863 में हुई थी। इसमें भाप इंजन का इस्तेमाल किया गया था।
दिल्ली में कब दौड़ी थी पहली मेट्रो
देश की राजधानी दिल्ली में पहली बार मेट्रो 24 दिसंबर 2022 को शुरू हुई थी। सबसे पहली मेट्रो शाहदरा से तीसहजारी के बीच चलाई गई थी। दिल्ली मेट्रो मौजूदा समय में दिल्ली-एनसीआर की लाइफ लाइन कही जाती है। एक अनुमान के मुताबिक हर दिन 30 लाख से भी ज्यादा यात्री मेट्रो में सफर करते हैं। दिल्ली मेट्रो का नेटवर्क उत्तर प्रदेश में नोएडा और गाजियाबाद, हरियाणा में गुड़गांव, फरीदाबाद, बहादुरगढ़ और बल्लभगढ़ तक पहुंच गया है।
ये ट्रेनें संचार आधारित ट्रेन नियंत्रण (सीबीटीसी) सिग्नलिंग तकनीक से संचालित होती है, जो बहुत कम आवृत्तियों में ट्रेनों की आवाजाही की सुविधा प्रदान करती हैं। DMRC यानी दिल्ली मेट्रो रेलवे कॉरपोरेशन इनका संचालन करता है। देश में फिलहाल कोलकाता, दिल्ली के अलावा मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद, अहमदाबाद, जयपुर शहरों में मेट्रो ट्रेनें चलाई जा रही हैं।