Nanda Devi Temple: उत्तराखंड की सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा अपनी ऐतिहासिक धरोहरों के लिए जानी जाती है। यहां के प्राचीन मंदिर आज भी अपना इतिहास बयां करते हैं। उन्हीं में से एक है अल्मोड़ा का प्राचीन नंदा देवी मंदिर।

यह धाम राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली से लगभग 432 किमी और हरिद्वार से लगभग 220 किलोमीटर दूर स्थित है। मां नंदा देवी को शैलपुत्री का रूप माना जाता है। मां नंदा की पूजा पूरे उत्तराखंड में बड़ी धूमधाम से होती है। मां नंदा देवी चंद वंश के राजाओं की कुलदेवी हैं। मान्यता है कि आज भी माता अपने भक्तों को सपने में आकर दर्शन देती हैं और उनकी मनोकामना पूरी करती हैं। मन्दिर में प्रतिदिन दो बार सुबह – शाम माता की आरती होती है.. साथ ही लोग यहां शाम के समय भजन-कीर्तन भी करते हैं।

मां नन्दा देवी का यह मंदिर प्राचीन काल का है और माता की मूर्ति की स्थापना इस प्रांगण में करीब 200 साल पहले की गई थी। इससे पहले नंदा देवी की पूजा मल्ला महल में होती थी। स्थानीय लोगों के अनुसार कुमाऊं के चंद वंशीय शासक राजा बाज बहादुर चंद बधाणगढ़ के किले से नंदा देवी की स्वर्ण प्रतिमा को अल्मोड़ा लागा गया। जिसके बाद इस प्रतिमा को उन्होंने मल्ला महल (पुराने कलक्ट्रेट) परिसर में प्रतिष्ठित किया और कुलदेवी के रूप में पूजना शुरू की।

आदिशक्ति नंदादेवी का पवित्र धाम उत्तराखंड को माना जाता है। चमोली के घाट ब्लॉक में स्थित कुरड़ गांव को उनका मायका और थराली ब्लाक में स्थित देवराडा को उनकी ससुराल। जिस तरह आम पहाड़ी बेटियां हर वर्ष ससुराल जाती हैं माना जाता है कि उसी संस्कृति का प्रतीक नंदादेवी भी 6 महीने ससुराल औऱ 6 महीने मायके में रहती हैं।

रूप मंडन में पार्वती को गौरी के छरू रूपों में एक बताया गया है। भगवती की 6 अंगभूता देवियों में नन्दा भी एक है। नन्दा को नवदुर्गाओं में से भी एक बताया गया है। भविष्य पुराण में जिन दुर्गाओं का उल्लेख है उनमें महालक्ष्मी, नन्दा, क्षेमकरी, शिवदूती, महाटूँडा, भ्रामरी, चंद्रमंडला, रेवती और हरसिद्धी हैं। शिवपुराण में वर्णित नन्दा तीर्थ वास्तव में कूर्माचल ही है और शक्ति के रूप में माता नन्दा ही सारे हिमालय में पूजित हैं।

माता नंदादेवी मन्दिर परिषर में प्रतिवर्ष भाद्रपद शुक्ल पक्ष में मेला का आयोजन किया जाता है। जिसे बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है।

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By pratik khare

पत्रकार प्रतीक खरे झक्कास खबर के संस्थापक सदस्य है। ये पिछले 8 वर्ष से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने कई समाचार पत्र, पत्रिकाओं के साथ - साथ समाचार एजेंसी में भी अपनी सेवाएं दी है। सामाजिक मुद्दों को उठाना उन्हें पसंद है।

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