World Science Day For Peace And Development अर्थात शांति और विकास के लिए विश्व विज्ञान दिवस हर साल 10 नवंबर को मनाया जाता है। विश्व विज्ञान दिवस समाज में विज्ञान की महत्वपूर्ण भूमिका और उभरते वैज्ञानिक मुद्दों पर बहस में व्यापक जनता को शामिल करने की आवश्यकता को उजागर करने के लिए मनाया जाता है। यह हमारे दैनिक जीवन में विज्ञान के महत्व और प्रासंगिकता को भी रेखांकित करता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना भी है कि नागरिकों को विज्ञान के क्षेत्र में विकास के बारे में सूचित रखा जाए और हमारी समझ को व्यापक बनाने और हमारे समाज को अधिक टिकाऊ बनाने में वैज्ञानिकों की भूमिका के बारे में जानकारी दी जाए।
शांति और विकास के लिए विश्व विज्ञान दिवस का इतिहास
इस दिवस को मनाने की शुरुआत 1999 में विश्व विज्ञान सम्मेलन का एक परिणाम है। कार्यक्रम का आयोजन हंगरी के बुडापेस्ट में हुआ था। जिसे यूनेस्को और अंतरराष्ट्रीय विज्ञान परिषद द्वारा सह-आयोजित किया गया था। इसके बाद पूरे विचार विमर्श के बाद यूनेस्को के कार्यकारी बोर्ड द्वारा अक्टूबर 2000 में 162वें सत्र में यूनेस्कों ने सामान्य सम्मेलन के 31वें सत्र में इस दिवस को अनुमोदित किया। इस सम्मेनल के सकारात्मक परिणाम स्वरूप 2001 में यूनेस्कों ने शांती और विकास के लिए विश्व विज्ञान दिवस मनाए जाने की घोषणा की। इसके बाद पहला शांती और विकास के लिए विश्व विज्ञान दिवस 10 नवंबर 2002 में मनाया गया।
शांती और विकास के लिए विश्व विज्ञान दिवस 2023 थीम
हर साल की तरह इस साल भी शांती और विकास के लिए विश्व विज्ञान दिवस के लिए एक नई थीम है। इस साल की थीम “बिल्डिंग ट्रस्ट इन साइंस (विज्ञान में विश्वास पैदा करना)” है।
इस दिवस को मनाने का उद्देश्य
शांति और विकास के लिए विश्व विज्ञान दिवस मनाने का उद्देश्य लोगों को विज्ञान के क्षेत्र में हो रहे विकास के बारे जानकारी देना है। शांतिपूर्ण और स्थायी समाज के लिए विज्ञान की भूमिका पर जन जागरूकता को मजबूत करना है। देशों के बीच साझा विज्ञान के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय एकजुटता को बढ़ावा देना है।
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