Vivah Panchami : हर वर्ष मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी मनाई जाती है। हिन्दु धर्म में इस खास दिन का बहुत महत्व है। त्रेतायुग में इसी खास दिन सभी देवी-देवताओं की उपस्थिति में भगवान राम का माता सीता से विवाह हुआ था। इसलिए भगवान श्रीराम और माता सीता के विवाह की वर्षगांठ के रूप में विवाह पंचमी का पर्व उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस बार विवाह पंचमी का पर्व 17 दिसंबर को है।
इस खास दिन भगवान राम और माता सीता की करें पूजा
मान्यता के अनुसार, इस खास दिन भगवान श्रीराम और माता सीता की विशेष पूजा-अर्चना करने से वैवाहिक जीवन मधुर होता है। अर्थात पति-पत्नी के बीत रिश्ते मधुर होते हैं और सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। भगवान राम और माता जानकी की पूजा करने से अविवाहित जातक की शीघ्र शादी के योग बनने लगते हैं।
इसके अलावा विवाह पंचमी तिथि पर विशेष उपाय करने का विधान है। इन उपायों को करने से पति-पत्नी के बीच रिश्ते मधुर होते हैं। आइए जानते हैं उपाय-
विवाह पंचमी पर करें ये उपाये
– विवाह पंचमी के दिन भगवान श्रीराम और माता सीता की पूजा करें। पूजा के समय रामचरितमानस या रामायण का पाठ अवश्य करें। मान्यता है कि ऐसा करने से वैवाहिक जीवन में व्याप्त कष्ट समाप्त हो जाते हैं।
– विवाह पंचमी के दिन पति-पत्नी को व्रत रखना चाहिए और भगवान राम और माता सीता की पूजा करनी चाहिए। इससे पति-पत्नी के बीच प्यार बढ़ता है।
– इस दिन कुंवारी कन्याएं माता सीता को पूजा के समय सिंदूर अर्पित करें। इस समय शीघ्र विवाह की कामना करें।
– विवाह पंचमी के दिन वैवाहिक जोड़ो को प्रभु राम और माता सीता को पीले वस्त्र अर्पण करें। पीले पेड़े का भोग भी लगाना चाहिए। इससे भी जीवन के कष्ट और क्लेश दूर होते हैं।
– अगर आपका रिश्ता पक्का होने के बाद बार-बार टूट रहा है, तो विवाह पंचमी के दिन विधिपूर्वक भगवान राम और माता सीता विवाह पूजा करें। इस उपाय को करने से कुंडली में विवाह संबंधित दोष खत्म हो जाते हैं।
– विवाह पंचमी के दिन व्यक्ति को जीवन में बुरी शक्तियों के प्रभाव से बचने के लिए श्रीराम रक्षा स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।
– मनचाही मुराद को पूरा करने के लिए मां सीता और प्रभु राम के चरणों में पर्ची लिखकर अर्जी लगानी चाहिए। इससे भी मनोकामना पूरी होती है।
(नोट: यह जानकारी धार्मिक मान्यताओं और ज्योतिषशास्त्र पर आधारित है)