भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) विभाग ने हाल ही में 18 ऐसे स्मारकों और प्राचीन स्थलों की लिस्ट जारी की है, जो कि अपना राष्ट्रीय महत्व खो चुके हैं। जिन ऐतिहासिक स्मारकों को राष्ट्रीय महत्व की लिस्ट से हटाया जाता है तो उसके रखरखाव की जिम्मेदारी फिर ASI की नहीं होती है। ASI (आर्केलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया) भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के अधीन आता है। ASI का काम राष्ट्रीय महत्व के प्राचीन स्मारकों और पुरातत्वीय स्थलों का रखरखाव करना होता है।

भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने 8 मार्च को अपना नोटिफिकेशन जारी किया था, जिसमें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा और अरुणाचल प्रदेश के 18 स्मारक और साइट्स को लेकर कहा था कि वो राष्ट्रीय महत्व के नहीं रहे हैं। हालांकि विभाग ने फैसे पर आम लोगों के सुझाव या आपत्ति भेजने का समय दिया है।



उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के भारंली गंगा तिर में वट वृक्ष स्थित प्राचीन स्मारक के अवशेष, बांदा शहर का बंद कब्रिस्तान और कटरा नाका, झांसी के रंगून का बंदूकची बुर्किल की कब्र, लखनऊ शहर के गौघाट का कब्रिस्तान, लखनऊ के जहरीला रोड पर 6 से 8 मील पर स्थित कब्रिस्तान, लखनऊ-फैजाबाद रोड पर 3, 4 और 5 मील पर स्थित मकबरें, मिर्जापुर के अहुगी में 1000 ईसवीं के तीन छोटे लिंग मंदिर परिधि के अवशेष, वाराणसी के तेलिया नाला बौद्ध खंडहर, निर्जन गांव का हिस्सा, वाराणसी के कोषागार भवन में मौजूद तख्ती पट्ट का नाम शामिल है।

इसके अलावा उत्तराखंड में अल्मोड़ा के द्वाराहाट का कुटुम्बरी क्षेत्र नालिस, राजस्थान के जयपुर के नगर स्थित किले के भीतर का अभिलेख, कोटा का बारन स्थित 12वीं सदी का मंदिर, हरियाणा के गुरुग्राम के कोस मिनार संख्या 13, करनाल जिले का कोस मिनार, मध्य प्रदेश के सतना जिले के बछौन किले के भीतर का शैल अभिलेख भी लिस्ट में शामिल है।

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