First Woman Chief Justice Of High Court Leila Seth: भारतीय जनतंत्र में तीन अंग हैं जो महत्वपूर्ण है। पहला न्यायपालिका, दूसरा कार्यपालिका और तीसरा व्यवस्थापिका। तीनों ही क्षेत्रों में महिलाओं की हिस्सेदारी काफी बढ़ी है। आज देश के सर्वोच्च पद यानी राष्ट्रपति पद पर एक महिला महामहिम द्रौपदी मुर्मू पदासीन हैं। वहीं राजनीति और प्रशासनिक सेवाओं में महिलाओं की स्थिति मजबूत हुई है। बात करें न्यायपालिका की तो महिलाओं ने इस क्षेत्र में भी बड़ी जिम्मेदारियां उठा रखी हैं। आज देश के पास कई महिला न्यायाधीश और वकील हैं।

हालांकि महिलाओं के लिए कानूनी कार्यक्षेत्र का मार्ग खोलने के लिए आज का दिन बहुत ऐतिहासिक माना जा सकता है। आज यानी 5 अगस्त के दिन भारत के उच्च न्यायालय को अपनी पहली महिला मुख्य न्यायाधीश मिली थीं।

हाईकोर्ट की पहली महिला चीफ जस्टिस का नाम लीला सेठ है। इन्हें ‘मदर ऑफ लाॅ’ कहा जाता है। हालांकि उनके उनके लिए हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस के पद तक पहुंचने का सफर आसान नहीं था। आइए जानते हैं देश की मदर ऑफ लॉ कही जाने वाली चीफ जस्टिस लीला सेठ के बारे में।

लीला सेठ का जीवन परिचय

लीला सेठ उच्च न्यायालय की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रह चुकी हैं। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के लखनऊ शहर में 20 अक्तूबर 1930 को हुआ था। महज 11 वर्ष की आयु में लीला के सिर से पिता का साया उठ गया। उनकी मां ने उनका पालन पोषण किया और उच्च शिक्षा दिलाई।

लीला सेठ की शिक्षा

वह बचपन से ही पढ़ाई में काफी होनहार थीं। लीला सेठ ने दार्जिलिंग के एक स्कूल से अपनी पढ़ाई पूरी की। बाद में उनकी शादी प्रेम सेठ नाम के शख्स से हो गई। शादी के बाद पति संग वह लंदन चली गई, जहां उन्होंने स्नातक और फिर कानून की पढ़ाई की। लीला ने लंदन बार एग्जाम में शीर्ष स्थान प्राप्त किया था।

लीला सेठ का करियर

लीला सेठ ने स्टेनोग्राफर के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की। लंदन से पढ़ाई पूरी करने के बाद वह स्वदेश वापस लौटीं। लीला ने शुरुआत में कोलकाता में वकालत की। उसके बाद पटना और फिर दिल्ली में वकालत करनी शुरू की।

पहली महिला न्यायाधीश

1978 में लीला सेठ की नियुक्ति बतौर न्यायाधीश दिल्ली हाईकोर्ट में हुई। बाद में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में बतौर चीफ जस्टिस नियुक्त हुईं। भारत के इतिहास में पहली बार कोई महिला हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस बनी थी। लीला सेठ निर्भया गैंगरेप के बाद गठित जस्टिस वर्मा कमेटी का भी हिस्सा रह चुकी हैं। उन्हें देश की मदर ऑफ लॉ माना जाता है। 83 साल की उम्र में मदर ऑफ लॉ लीला सेठ ने दुनिया को अलविदा कह दिया।

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By pratik khare

पत्रकार प्रतीक खरे झक्कास खबर के संस्थापक सदस्य है। ये पिछले 8 वर्ष से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने कई समाचार पत्र, पत्रिकाओं के साथ - साथ समाचार एजेंसी में भी अपनी सेवाएं दी है। सामाजिक मुद्दों को उठाना उन्हें पसंद है।

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