प्रत्येक वर्ष विश्व के विभिन्न देशों में नेत्रदान की महत्ता को समझते हुए 10 जून को “अंतरराष्ट्रीय दृष्टिदान दिवस” के रुप में मनाया जाता है। इसके जरिए लोगों में नेत्रदान करने की जागरुकता फैलाई जाती है।
विश्व दृष्टिदान (नेत्रदान) दिवस का उद्देश्य
विश्व दृष्टिदान दिवस का उद्देश्य नेत्रदान के महत्व के बारे में व्यापक पैमाने पर जन जागरूकता पैदा करना है तथा लोगों को मृत्यु के बाद अपनी आँखें दान करने की शपथ लेने के लिए प्रेरित करना है। विकासशील देशों में प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्याओं में से एक दृष्टिहीनता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, कॉर्निया की बीमारियाँ (कॉर्निया की क्षति, जो कि आँखों की अगली परत हैं) मोतियाबिंद और ग्लूकोमा के बाद, होने वाली दृष्टि हानि और अंधापन के प्रमुख कारणों में से एक हैं।
विश्व दृष्टिदान (नेत्रदान) दिवस के बारे में अन्य विवरण
आँखों की देखभाल कैसे की जा सकती है?
आँखों की ठीक प्रकार से देखभाल निम्न प्रकार से की जा सकती है:-
- अच्छी दृष्टि के लिए स्वस्थ आहार का सेवन करें: संतुलित आहार का सेवन करें। अपने आहार में हरी पत्तेदार सब्जियों, अंडे, फलियों एवं गाजर को अधिक से अधिक मात्रा में शामिल करें।
- धूम्रपान छोड़ें: धूम्रपान, मोतियाबिंद, ऑप्टिक एवं तंत्रिका क्षति के साथ-साथ दृष्टि से संबंधित कई तरह की समस्याओं को पैदा कर सकता है।
- सूर्य की रोशनी के प्रत्यक्ष प्रभाव को रोकने के लिए यूवी संरक्षित धूप का चश्मा पहनें: जो कि आपकी आंखों की सुरक्षा के लिए बेहत्तर है।
- सुरक्षा चश्मा पहनें: यदि आप कार्यस्थल पर ख़तरनाक पदार्थों से काम करते हैं, तो आपको अपनी आंखों की रक्षा करने के लिए सुरक्षा चश्मा अवश्य पहनना चाहिए।
- यदि आप लंबी अवधि तक कंप्यूटर पर काम करते हैं, तो यह सुनिश्चित करें, कि आप अक्सर बीच-बीच में उठगें: आँखों का सूखापन कम करने के लिए आँखों को अधिक से अधिक बार झपकें।
- टेलीविजन देखते या कंप्यूटर पर काम करते हुए एंटी ग्लेयर चश्मा: पहनने की सलाह दी जाती है।
- मंद प्रकाश में न पढ़े: यह आँखों को होने वाली परेशानियों के प्रमुख कारणों में से एक है।
- आँखों के बेहतर स्वास्थ्य को बनाए रखने: के लिए अपनी आँखों की नियमित जांच कराएं।
- खिड़कियों एवं लाइट द्वारा कंप्यूटर पर पड़ने वाली चकाचौंध से बचने की कोशिश करें: यदि आवश्यक हों, तो एंटी ग्लेयर स्क्रीन का उपयोग करें।
- यदि आप कॉन्टेक्ट लेंस पहनते हैं, तो उन्हें लंबी अवधि तक पहनने से बचें: कॉन्टेक्ट लेंस पहनते हुए तैराकी एवं सोने से बचें।
ऐसे कई कारण है, जिनकी वजह से लोग अपनी आँखें दान नहीं करते हैं। भारत में नेत्रदान करने वालों की संख्या निम्नलिखित कारणों की वज़ह से बेहद कम हैं:
- सामान्य जनता के बीच जागरूकता का अभाव।
- संस्थानों एवं अस्पतालों में अपर्याप्त सुविधाएं।
- प्रशिक्षित कर्मियों के बीच दूसरों को प्रेरित करने की क्षमता का अभाव।
- सामाजिक एवं धार्मिक मिथक।