बचपन जीवन का सबसे अनमोल समय होता है परंतु उसी बचपन में पढ़ाई-लिखाई के जगह अगर बच्चे बाल मजदूरी करने लगे तो उनका बचपन नष्ट हो जाता है। आज यह बालश्रम की समस्या पूरी दुनिया के लिए एक गंभीर चुनौती बन हुई है। हालांकि बाल श्रम पर रोक लगाने के लिए कई संगठन कोशिश कर रहे हैं। इस पर प्रतिबंध लगाने के लिए कई देशों में कानून भी बनाए गए हैं लेकिन अभी भी यह समाप्त नहीं हो पाया है। बाल श्रम की सबसे बड़ी वजह गरीबी है, क्योंकि गरीबी के चलते मजबूर होकर बच्चों को मजदूरी करना पड़ता है। हालांकि कई सारे बच्चों को संगठित अपराध रैकेट द्वारा भी बाल श्रम के लिए मजबूर किया जाता है। ऐसे में बालश्रम के खिलाफ विरोध तथा इसके लिए लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 12 जून को दुनियाभर में ‘बालश्रम निषेध दिवस’ मनाया जाता है आइए जानते हैं कैसे और कब हुई थी इस दिन को मनाने की शुरुआत और क्या है इसका महत्व।
आईएलओ ने उठाया मुद्दा
बच्चों की समस्याओं पर विचार करने के लिए पहला बड़ा अंतरराष्ट्रीय प्रयास अक्टूबर 1990 में न्यूयार्क में विश्व शिखर सम्मेलन में हुआ था, जिसमें गरीबी, कुपोषण और भुखमरी के शिकार दुनियाभर के करोड़ों बच्चों की समस्याओं पर 151 देशों के प्रतिनिधियों ने विचार-विमर्श किया था। इसके बाद अंतरराष्ट्रीय श्रम संघ (आईएलओ) ने पहली बार बाल श्रम रोकने का मुद्दा विश्व पट पर रखा। साल 2002 में सर्वसम्मति से एक कानून पारित हुआ, जिसके तहत 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से मजदूरी करवाना अपराध माना गया। अंतरराष्ट्रीय श्रम संघ के 187 सदस्य देश हैं। आईएलओ ने विश्व में श्रम की स्थितियों में सुधार के लिए कई सम्मेलनों को पारित किया है।
विश्व बालश्रम निषेध दिवस का महत्व
बालश्रम एक गंभीर समस्या है। इसे समाप्त करना बहुत जरूरी है। क्योंकि बच्चों के लिए बचपन सबसे अनमोल समय होता है। वह उसी बचपन में पढ़ाई-लिखाई करता है और मां-बाप से जीवन जीने के गुण सीखता है। अगर बच्चों से उनका बचपन, पछाई-लिखाई छीन लिया जाए तो और वह बाल मजदूरी करने लगे तो उनका बचपन नष्ट हो जाता है। इस लिए बालश्रम के खिलाफ लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 12 जून को दुनियाभर में बालश्रम निषेध दिवस मनाया जाता है। यह दिन महत्व रखता है क्योंकि यह बाल श्रम को समाप्त करने के संदेश को बढ़ाने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है। इसका उद्देश्य बाल श्रम के मुद्दे पर ध्यान आकर्षित करना और इसका प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के प्रयासों को जुटाना है। इस दिन का निरंतर पालन इस महत्वपूर्ण मुद्दे को संबोधित करने और बाल श्रम से मुक्त दुनिया की दिशा में काम करने के लिए विभिन्न हितधारकों की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। बाल श्रम के खिलाफ विश्व दिवस मनाना इस मुद्दे के प्रति जागरूकता बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है।
क्या हैं कारण
कहते हैं कि गरीबी इंसान से सब कुछ करवाती है। यही गरीबी बाल श्रम के लिए भी सबसे बड़ी बजह है। जिसकी वजह से बच्चे मजबूरी वश मजदूरी करने लगते हैं। इसके अलावा, कई सारे बच्चों को बाल श्रम के लिए मजबूर भी किया जाता है। संगठित अपराध रैकेट द्वारा बच्चों को बाल श्रम के लिए मजबूर किया जाता है। इसके अलावा बढ़ती जनसंख्या, निर्धनता, अशिक्षा, बेरोजगारी, खाद्य असुरक्षा, अनाथ, मौजूदा कानूनों का दृढ़ता से लागू न होना इत्यादि बालश्रम के अहम कारण हैं। बालश्रम के ही कारण बच्चे शिक्षा से वंचित हो जाते हैं, उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। इस लिए व्यक्तिगत स्तर पर बाल श्रमिक की समस्या का निदान हम सभी का नैतिक दायित्व है। इसके प्रति हमें जागरूक होकर इसके विरोध में आगे आना चाहिए।
बालश्रम निषेध दिवस 2023 की थीम
विश्व बाल श्रम निषेध दिवस 2023 की थीम “Social Justice for All. End Child Labour!” (सभी के लिए सामाजिक न्याय, बालश्रम का अंत करें) है। यह थीम सामाजिक न्याय और बाल श्रम के मुद्दे के बीच संबंध पर प्रकाश डालता है।