दुनियाभर में नशीली दवाओं का सेवन करने वालों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। लोगों में जागरूकता लाने के उद्देश्य से दुनियाभर में हर साल 26 जून को अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य होता है कि लोगों को नशे से मुक्त कराना और नशे के प्रति जागरूक करना। तो आइये जानते हैं हर साल क्यों मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस।
थीम – 2024
साल 2024 में अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस की थीम है “साक्ष्य स्पष्ट है: रोकथाम में निवेश करें”
क्यों मनाया जाता है दिवस
अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस सबसे पहली बार 1989 में मनाया गया था। वहीं, 7 सितंबर, 1987 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा एक प्रस्ताव पारित किया गया था। इसमें नशीली दवाओं के गैरकानूनी इस्तेमाल और अवैध तस्करी को रोकने के लिए हर साल अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस मनाने की बात थी।
इस साल की थीम लोग पहले : कलंक और भेदभाव को रोकें, रोकथाम को मजबूत करें है।
युवा सबसे ज्यादा चपेट में
आज के समय में बड़ी संख्या में युवा नशा की चपेट में आ रहे हैं। साफ शब्दों में कहें तो बच्चों में नशा की लत बढ़ी है। आज बच्चे सभी तरह के नशा का सहारा ले रहे हैं। इससे उनकी सेहत और करियर पर गहरा असर पड़ रहा है। इस दिवस का मुख्य उद्देश्य बच्चे को नशा से बचाना है। साथ ही तस्करी पर प्रतिबंध लगाना है। इससे बच्चों का भविष्य स्वर्णिम रहेगा।
दुनियाभर में चलाया जा रहा अभियान
इस दिन दुनियाभर में नशा के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाया जाता है। इसमें लोगों को नशा से होने वाले नुकसान से अवगत कराया जाता है। भारत में भी नशा और अवैध तस्करी को रोकने के लिए सख्त कानून है। हालांकि, लोगों को जागरूक होने की जरूरत है। बिना सहयोग से यह संभव नहीं है। इसके लिए अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस के अवसर पर आसपास के ऐसे लोग, जो नशा और अवैध कार्य में लिप्त हैं। उन्हें सही दिशा में लाने का प्रयास करें।