भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार स्पिनर युजवेंद्र चहल ने सात साल पहले 11 जून 2016 को अंतरराष्ट्रीय डेब्यू किया था। तब से लेकर उन्होंने भारतीय टीम के लिए कई मैच खेले और कई रिकॉर्ड भी बनाए। इस दौरान वह महेन्द्र सिंह धानी, विराट कोहली, रोहित शर्मा के साथ हार्दिक पांड्या की कप्तानी में मैच खेल चुके हैं। इस बीच चहल ने चारों की कप्तानी को लेकर बात कही है। उन्होंने बताया है कि चारों की कप्तानी में कुछ अलग है, या नहीं।
समीकरण वही रहता है, कुछ नहीं बदलता
भारतीय टीम इस समय वेस्टइंडीज दौरे पर है। टीम यहां 2 टेस्ट मैच और तीन मैचों की एकदिवसीय सीरीज के बाद पांच मैचों की टी-20 सीरीज खेल रही है। टी-20 सीरीज का पहला मैच भारतीय टीम हार गई थी। दोनों टीमों के बीच दूसरा टी 20 मैच आज (रविवार) खेला जाएगा।
दूसरे मैच से पहले प्रेस कांफ्रेंस में मीडिया से बात करते हुए चहल ने कहा है कि मैं इसे इस तरह देखता हूं कि आपके परिवार में चार भाई हैं। बड़े भाई वे माही भाई (एमएस धोनी), फिर विराट, रोहित और अब हार्दिक आए। समीकरण वही रहता है, कुछ नहीं बदलता है। मैदान पर हर कोई चाहता है कि उसकी टीम जीते। एक गेंदबाज के तौर पर वह हमें आजादी देते हैं। जो आजादी हमें पहले मिलती थी, वही आजादी अब हार्दिक हमें दे रहे हैं।’ हम (गेंदबाज) अपनी फील्ड खुद तय कर सकते हैं।
गेंदबाज को हमेशा कप्तान से आजादी मिलती है
चहल ने हार्दिक की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह एक ऑलराउंडर हैं। अगर कोई रणनीति विफल हो जाती है, तो वह इसमें अपना योगदान देते हैं।
चहल ने कहा कि हार्दिक भी एक पसंदीदा गेंदबाज हैं, यदि योजना काम नहीं करती है, तो वह अपना इनपुट प्रदान करते हैं। इसलिए जब नेतृत्व की बात आती है तो कोई संपूर्ण परिवर्तन नहीं होता है। गेंदबाज (टीम इंडिया में) को हमेशा अपने कप्तान से वह आजादी मिलती है जिसकी उसे जरूरत होती है।