ब्रिटेन में एक बार फिर कोरोना वायरस ने दस्तक दे ही है। वहां ईजी.5.1 नाम का कोविड-19 का एक नया वेरिएंट फैल रहा है। इसे एरिस (Eris) नाम दिया गया है। कोरोना के नए वेरएंट एरिस ने स्वास्थ्य अधिकारियों को चिंता में डाल दिया है। खराब मौसम और गर्मी में इम्युनिटी कमजोर हो जाने की वजह से अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ी है। EEG.5.1 वेरिएंट को ओमिक्रॉन के परिवार का ही माना जा रहा है। इसे पिछले महीने यूनाइटेड किंगडम में 31 जुलाई को डिटेक्ट किया गया था और तब से हर दिन इसके नए मामले लगातार सामने आ रहे हैं।
एरिस का मामला पहली बार कब देखा गया?
यूकेएचएसए के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, विशेष रूप से एशिया में मामलों के बढ़ने पर एरिस पर 3 जुलाई 2023 से निगरानी रखी गई। 10 जुलाई तक यूके में एरिस के 11% मामले देखे गए। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने ईजी.5.1 वेरिएंट को लिस्ट में जोड़ लिया है और निगरानी रखी जा रही है।
एरिस के लक्षण क्या हैं?
एरिस ओमिक्रॉन का ही एक स्ट्रेन है। ज़ोई हेल्थ स्टडी के मुताबिक, ओमिक्रॉन के 5 सबसे आम लक्षणों में शामिल हैं:
- नाक का बहना
- सिर दर्द
- कमजोरी ( हल्की या भयानक)
- छींके आना
- गले में खराश
एरिस के बारे में एक्सपर्ट्स का क्या कहना है?
प्रोफेसर क्रिस्टीना पेगल का कहना है कि यूके में बढ़ती गर्मी और खराब मौसम की वजह से लोगों की इम्युनिटी प्रभावित हुई है और इसी वजह से यहां कोविड की एक नई लहर को भी फैलने का मौका मिल रहा है। ओमिक्रॉन के सब-वेरिएंट आर्कटूरस और एरिस यहां लोगों के लक्षणों की वजह बन रहे हैं। द इंडिपेंडेंट से बात करते हुए एक दूसरे एक्सपर्ट का कहना है कि अब ज्यादातर लोगों को वैक्सीन लगवाए 12 महीने से ज्यादा का समय हो गया है। साथ ही कोविड इन्फेक्शन को हुए भी समय हो गया है, इसलिए यह नया वेरिएंट तेजी से लोगों को बीमार कर सकता है।
इस बात का अभी तक कोई संकेत नहीं मिला है कि कोविड का नया वेरिएंट ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है। यूकेएचएसए के नए आंकड़ों से पता चलता है कि एरिस देश के सभी मामलों का 14.6 फीसदी है। यूकेएचएसए के ‘रेस्पिरेटरी डेटामार्ट सिस्टम’ द्वारा दर्ज किए गए 4,396 नमूनों में से 5.4 फीसदी को कोविड-19 के रूप में दर्ज किया गया।