14 फरवरी 2019 में हुए पुलवामा हमले के बाद जम्मू और कश्मीर में पहली बार इतनी बड़ी आतंकी घटना हुई है. आज यानी 20 अप्रैल 2023 की दोपहर राजौरी सेक्टर के भीमबेर गली और पुंछ के बीच राजमार्ग पर गुजर रहे आर्मी के ट्रक पर आतंकियों ने गोलीबारी की. हैंड्रगेनेड फेंके. हमले में पांच जवान शहीद हो गए.
पिछले साल जुलाई में मॉनसून सत्र के दौरान लोकसभा में एक सवाल के जवाब में गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा था कि 2019 के बाद आतंकी हमलों और गतिविधियों में कमी आई है. जम्मू और कश्मीर में 2018 में 417 आतंकी हमले हुए थे, जो 2021 तक घटकर 229 हो गए थे.
लोकसभा में दिए जवाब में मंत्री ने कहा कि था कि साल 2019 में 154 आतंकी मारे गए. 80 जवान शहीद हुए. साल 2020 में जम्मू और कश्मीर में 244 आतंकी हमले हुए. 221 आतंकी मारे गए. 62 जवान शहीद हो गए थे. 106 जवान जख्मी हुए थे. इन हमलों में सिर्फ जवान ही शहीद नहीं हुए. बल्कि 37 आम नागरिक मारे गए और 112 लोग घायल हुए थे.
साल 2021 में आतंकी घटनाएं और कम हुईं. दो साल पहले 229 आतंकी घटनाएं जम्मू और कश्मीर में हुईं. इसमें 182 आतंकी मारे गए. 42 जवान शहीद हुए थे. 117 जख्मी हुए. इसके अलावा 41 आम नागरिक मारे गए, जबकि 75 लोग घायल हैं. साल 2022 में 242 आतंकी घटनाएं हुई. 172 आतंकी मारे गए. इनमें 31 जवान शहीद हुए. इसके अलावा 30 आम नागरिक मारे गए.
सरकार लगातार कश्मीर घाटी में आतंकी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठा रही है. इंटेलिजेंस ग्रिड को बढ़ाया और मजबूत किया गया है. आतंकियों के खिलाफ प्रोएक्टिव ऑपरेशंस करती हैं. रात में पेट्रोलिंग को बढ़ा दिया गया है.
इतना ही नहीं, साल 2019 में 163 आतंकी मारे गए थे. 2020 में 232, साल 2021 में 193 और साल 2022 में 193 आतंकी ढेर किए गए. इन आतंकियों को घुसपैठ के प्रयास के दौरान मारा गया या फिर काउंटर अटैक के दौरान. इन घटनाओं के दौरान 2019 में 78 भारतीय जवान, 2020 में 56, साल 2021 में 45 और 2022 में 30 जवान शहीद हुए.