प्रतिवर्ष 25 नवंबर को विश्व मांसाहार रहित दिवस मनाया जाता है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य गैर-शाकाहारी भोजन की खपत को रोकना है। हमें इस दिन से यह सीखना चाहिए कि हमें जानवरों को कटना नहीं चाहिए क्योंकि जानवर भी भगवान का एक उपहार है। गैर-शाकाहारी भोजन हमारी भारतीय संस्कृति का हिस्सा नहीं है। यह हमारी दुनिया से जानवरों की संख्या को कम कर सकता है। भविष्य में हमें इस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस क्रिया को बंद करने के लिए हमारी युवा पीढ़ी को प्रोत्साहित करने के लिए हम आज आपके लिए विश्व नॉन-वेज दिवस के कोट्स, शायरी और स्टेटस लाए हैं।
कब और क्यों मनाया जाता है
गैर-शाकाहारीता का संदेश: यह दिन गैर-शाकाहारी जीवन के महत्त्वपूर्ण संदेश को साझा करता है। जानवरों को काटना उनके साथ अन्याय है। हमारे धर्म और संस्कृति में भी जानवरों के साथ सहानुभूति और सम्मान की भावना होती है।
गैर-शाकाहारीता और समाज: गैर-शाकाहारी जीवन एक स्वस्थ और सामर्थ्यशाली जीवनशैली का प्रतीक हो सकता है। यह समाज में शांति, प्यार और सहयोग की भावना को बढ़ावा देता है।
युवा पीढ़ी को प्रेरित करना: हमें आज के युग में अपनी युवा पीढ़ी को गैर-शाकाहारी जीवन के फायदे और महत्त्व के बारे में जागरूक करना चाहिए। उन्हें इसे अपने जीवन का हिस्सा बनाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
गैर-शाकाहारी भोजन एक स्वस्थ, प्राकृतिक और संतुलित जीवनशैली का हिस्सा हो सकता है। इसे अपनाकर हम न केवल अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखेंगे, बल्कि जानवरों के साथ न्यायाधीनता और सम्मान का भी पालन करेंगे।
वर्ल्ड नॉन-वेज डे इतिहास और महत्व
इस विश्व नॉन-वेज दिवस पर, हम सभी को गैर-शाकाहारीता के फायदे पर गौरव महसूस करने और इसे अपने जीवन में शामिल करने का संकल्प लेना चाहिए। यह दिन हमें हमारे जीवन को बेहतर बनाने के लिए जिम्मेदारी और समर्थन देने का भी अवसर प्रदान करता है।
आपको बताना चाहते है की इससे पहले भी भगवान महावीर, महात्मा बुद्ध और महात्मा गांधी जैसे महान लोगो ने इसे रोकने के लिए लड़ाई लड़ी थी। आपको बताना चाहते है की आज भी गांव और शहर में काफी सारे लोग ऐसे है जोकि मास मछली का सेवन आज भी करते है। ऐसा होने से काफी सारे मासूमों को अपनी जान देनी पड़ती है।
अगर साइंस की बात माने तो शाकाहारी भोजन शरीर के लिए सबसे अच्छा होता है। इससे हमारे शरीर को कई प्रकार की बीमारियों से मुक्ति मिलती है। आज से एक दो साल पहले जब कोरोना काल था तब भी शाकाहारी भोजन का सेवन लोग किया करते थे।