World Handicapped Day: विश्व विकलांग दिवस जिसे विकलांग व्यक्तियों के अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में भी जाना जाता है, हर साल 03 दिसंबर को विश्व स्तर पर मनाया जाता है. विकलांग व्यक्तियों को शामिल करने से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों का समर्थन करने के लिए दिन को चिह्नित और मनाया जाता है. IDPWD दिवस 1992 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा घोषित किया गया था.
विश्व विकलांग दिवस का इतिहास
विश्व विकलांग दिवस के लिए वार्षिक ऑब्जरवेशन की घोषणा यूनाइटेड नेशंस ने जनरल असेम्बली रेजोल्यूशन में 1992 में की थी. जनरल असेम्बली रेजोल्यूशन 47/3 के तहत यह वार्षिक ऑब्जर्वेशन घोषित किया गया था. इसका उद्देश्य समाज सभी क्षेत्रों में विकलांग लोगों के अधिकारों और कल्याण को बढ़ावा देना है. इसके अलावा राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक जीवन के हर पहलू में विकलांग व्यक्तियों की स्थिति के बारे में जागरूकता बढ़ाना है. यूनाइटेड नेशंस में विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों का कन्वेंशन 2006 में अपनाया गया.
क्यों खास है विश्व विकलांग दिवस
यह दिन समाज और विकास के सभी क्षेत्रों में विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों और कल्याण को बढ़ावा देने और राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक जीवन के हर पहलू में विकलांग व्यक्तियों की स्थिति के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है.
विश्व विकलांग दिवस की अहमियत
विश्व विकलांग दिवस का महत्व तब बढ़ जाता है, जब बात विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों की आती है. यही एक ऐसा दिन होता है, जब विकलांग व्यक्तियों के कल्याण की बातें की जाती हैं. समाज में हो रही उपेक्षा और उन्हें हीन भावना से देखे जाने वाली बातों पर अंकुश लगाने के लिए यह दिन ख़ास अहमियत रखता है. कला प्रदर्शनी, चित्रों आदि की गैलरी से इस दिन को मनाया जा सकता है. विकलांग व्यक्तियों को सम्मान देते हुए कार्यक्रमों का आयोजन कर उन्हें समाज में एक बराबर वर्ग बताते हुए जागरूकता फैलाई जा सकती है. विकलांग व्यक्तियों के कामों की तारीफ करते हुए उन्हें पुरस्कृत करने से इस दिन की अहमियत और ज्यादा बढ़ जाती है.