Indian Navy Day: भारत की तीनों सेनाएं थल, वायु और जल सेना हर तरफ से देश की सुरक्षा में तत्पर है। आज दुनिया की सबसे शक्तिशाली सेनाओं में भारतीय सेना का नाम लिया जाता है। इतिहास के पन्ने पलट कर देखें तो दुश्मन देश ने जब भी भारत पर हमला करने की सोची तो जमीन से ही आक्रमण किया। इसकी एक वजह देश की जल सीमा की कड़ी सुरक्षा हो सकती है। भारतीय नौसेना के जवान, जिन्हें हम जल प्रहरी कह सकते हैं, वह जल मार्ग की सुरक्षा में मुस्तैद रहे। दुश्मन में समझ गए कि इस मार्ग से आक्रमण संभव नहीं। भारतीय नौसेना की इसी उपलब्धि, साहस के कारण देशवासी उन्हें सलाम करने के लिए आज के दिन भारतीय नौसेना दिवस के तौर पर मनाते हैं।
कब मनाते हैं भारतीय नौसेना दिवस ?
हर साल भारतीय नौसेना दिवस मनाया जाता है। 4 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाते हैं। भारतीय नौसेना बलों को सम्मानित करने और उनके योगदान की सराहना के लिए यह खास दिन मनाते हैं। हर साल नौसेना दिवस मनाने के लिए एक अलग थीम तय की जाती है।
कब हुई नौसेना दिवस मनाने की शुरुआत?
भारतीय नौसेना दिवस मनाने की शुरुआत मई 1972 में हुए एक वरिष्ठ नौसेना अधिकारी सम्मेलन में हुई, जब 4 दिसंबर को भारतीय नौसेना दिवस मनाने का निर्णय लिया गया।
4 दिसंबर को क्यों मनाते हैं नौसेना दिवस?
1971 के भारत-पाक के बीच युद्ध हुआ था। इस युद्ध में पाकिस्तान ने 3 दिसंबर को भारतीय हवाई अड्डे पर हमला कर दिया। पाकिस्तानी सेना के आक्रमण हमले का जवाब देते हुए भारतीय नौसेना ने 4 और 5 दिसंबर की रात हमले की योजना बनाते हुए सैकड़ों पाकिस्तानी नौसेना के जवानों को मार गिराया। इस मिशन में भारतीय नौसेना के नेतृत्व कमोडोर कासरगोड पट्टणशेट्टी गोपाल राव ने किया। नौसेना की उपलब्धि और प्रयासों को स्वीकार करते हुए 4 दिसंबर को नेवी डे मनाते हैं।
कब हुई भारतीय नौसेना की स्थापना?
भारतीय नौसेना 1612 में अस्तित्व में आई, जब ईस्ट इंडिया कंपनी ने रायल इंडियन नेवी नाम से नौसेना बनाई। ईस्ट इंडिया कंपनी ने व्यापारिक जहाजों की सुरक्षा के उद्देश्य से एक नौसैनिक दल का गठन किया था। स्वतंत्रता के बाद 1950 में इसे भारतीय नौसेना के तौर पर पुनर्गठित किया गया।