Christmas : हर तरफ इस समय क्रिसमस की रौनक देखने को मिल रही है। हर कोई इस त्योहार की तैयारियों में बिजी है। लोग अक्सर क्रिसमस के साथ ही नए साल का जश्न भी शुरू कर देते हैं। हर साल इस त्योहार को बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर इस दिन को क्यों मनाया जाता है और इसे मनाने के पीछे की कहानी क्या है? अगर नहीं, तो आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे हर साल क्यों मनाया जाता है क्रिसमस-
क्या है क्रिसमस फेस्टिवल?
क्रिसमस दो शब्दों “क्राइस्ट” और “मास”शब्द से मिलकर बना है. जिसका अर्थ है ईसा मसीह का पवित्र महीना। हर साल 25 दिसंबर को दुनियाभर में क्रिसमस मनाया जाता है। इस दिन को ईसाई धर्म के संस्थापक यीशु मसीह के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। क्रिसमस की तैयारी लोग एक महीने पहले से ही करने लग जाते हैं। इसके लिए वे अपने घर की सजावट भी करवाते हैं और कुछ लोग तो खुद ही अपना घर अपने हाथों से सजाते हैं।
इतना ही नहीं बहुत सारे लोग इस दिन सामूहिक पार्टी का आयोजन करते हैं, जिसमें सभी साथ मिलकर कैंडल जलाकर यीशु मसीह से प्रार्थना करते हैं और फिर केक काटकर खूब एंजॉय करते हैं, गाना गाते हैं, डांस करते हैं और सबके साथ मिलकर लजीज व्यंजनो का आनंद लेते हैं। इन सब के बाद छोटे बच्चों को सेंटा का इंतजार रहता हैं और फिर उनमें से ही कोई सेंटा बनकर पार्टी में आए सभी लोगों को गिफ्ट देता है।
क्यों मनाया जाता है यह क्रिसमस?
वैसे तो बाइबिल में यीशु मसीह के जन्म की तारीख नहीं दी गई है। इसलिए मान्यताओं के आधार पर ही इसे मनाया जाता है। इस दिन को क्रिसमस के रूप में मनाने को लेकर लोगों में बहुत सारे मतभेद भी हैं, पर ईसाई धर्म की मान्यता के अनुसार 25 दिसंबर को ही प्रभु यीशु मसीह का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन को प्रभु यीशु मसीह के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है।
वहीं यीशु मसीह, जिन्हें जीसस क्राइस्ट के नाम से भी जाना जाता है, उनके जन्म को लेकर ये भी मान्यता है कि मां मरियम को सपने में प्रभु के पुत्र यीशु रूप में प्राप्त होने की भविष्यवाणी हुई थी। इसी के बाद वे गर्भवती हुईं और फिर 25 दिसंबर को यीशु मसीह का जन्म हुआ था।
यह भी है मान्यता
कहते हैं कि 336 ईसवी पूर्व में वहां के सबसे पहले ईसाई रोमन सम्राट जो कि ईसा मसीह के अनुयायी थे, जिन्होंने सबसे पहली बार 25 दिसंबर को जीसस क्राइस्ट के जन्मदिवस के रूप में मनाया था। आगे चलकर कुछ सालों बाद पोप जुलियस ने इस दिन को जीसस क्राइस्ट के जन्मदिवस के रूप में मनाने की आधिकारिक घोषणा भी कर दी। तभी से 25 दिसंबर को जीसस क्राइस्ट के जन्मदिवस के रूप में मनाने की परंपरा चली आ रही है। हालांकि, इस विषय पर आगे भी विवाद बना रहा, लेकिन ये भी सच है कि मान्यताओं के आधार पर इसी दिन को क्रिसमस के रूप में मनाया जाता है।