राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले तारेक फतेह के निधन पर शोक व्यक्त किया है. मीडिया (Media) और साहित्य जगत में उनके महत्वपूर्ण योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा.
संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने एक शोक संदेश में कहा कि तारेक फतह एक प्रसिद्ध विचारक, लेखक और टीकाकार थे. मीडिया (Media) और साहित्य जगत में उनके महत्वपूर्ण योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा. वह जीवन भर अपने सिद्धांतों और विश्वासों के प्रति प्रतिबद्ध रहे और उनके साहस और दृढ़ विश्वास के लिए उनका सम्मान किया गया.
उन्होंने कहा, मेरी संवेदनाएं उनके परिवार, दोस्तों और प्रशंसकों के साथ हैं, जो उन्हें बहुत याद करेंगे. मैं उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त करता हूं और दिवंगत आत्मा की सद्गति के लिए प्रार्थना करता हूं.
तारिक फतेह का 74 साल की उम्र में निधन, लंबे समय से थे बीमार
पाकिस्तान मूल के कनाडाई लेखक और स्तंभकार तारिक फतेह (Tarek Fatah) का सोमवार को निधन हो गया. वह लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे थे. उनकी बेटी ने उनके निधन की पुष्टि की है.
Lion of Punjab.
— Natasha Fatah (@NatashaFatah) April 24, 2023
Son of Hindustan.
Lover of Canada.
Speaker of truth.
Fighter for justice.
Voice of the down-trodden, underdogs, and the oppressed.@TarekFatah has passed the baton on… his revolution will continue with all who knew and loved him.
Will you join us?
1949-2023 pic.twitter.com/j0wIi7cOBF
तारिक की बेटी नताशा ने ट्वीट कर कहा कि पंजाब का शेर. हिंदुस्तान का बेटा. कनाडा का प्रेमी. सच्चाई का पैरोकार. न्याय के लिए लड़ने वाला. दबे-कुचलों और शोषितों की आवाज. तारिक फतेह नहीं रहे.
इससे पहले रविवार को, ट्वीट कर लिखा था, ‘पिता के साथ एक स्लो संडे की सुबह का आनंद ले रही हूं. पुराने बॉलीवुड गाने सुन रही हूं और मैं भारत माता के प्रति हमारे साझा प्रेम के लिए नारंगी रंग की पोशाक पहन रही हूं.
फतह इस्लाम पर अपने प्रगतिशील विचारों और पाकिस्तान पर उग्र रुख के लिए जाने जाते थे. उन्होंने अक्सर भारत में भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को अपना समर्थन व्यक्त किया. 1949 में जन्मे फतह 1980 के दशक की शुरुआत में कनाडा चले गए और कनाडा में एक राजनीतिक कार्यकर्ता, पत्रकार और टेलीविजन होस्ट के रूप में काम किया और कई किताबें लिखीं.