लीच थेरेपी: मेडिकल साइंस की प्रगाति के इस दौर में हम हर बीमारी के उपचार के लिए एलोपैथिक चिकित्सा पद्धति का सहारा लेते है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि त्वचा संबंधी रोग जैसे दाद-खुजली, कील-मुहांसे, गंजापन, दांत और डायबिटीज जैसी बीमारियों का उपचार लीच थैरेपी के जरिए भी किया जा सकता है। लीच एक कीड़ा है, जिसके द्वारा किए जाने वाले इलाज को ‘लीच थैरेपी’ कहा जाता है।
आमतौर पर माना जाता है कि लीच शरीर में चिपक जाती है और इंसान के शरीर से खून चूस लेती है। इन दिनों कई बीमारियों को दूर करने में लीच थौरेपी का इस्तेमाल किया जा रहा है और मरीज को इससे आराम भी मिलता है। आइए जानते हैं कि कैसे और किन-किन बीमारियों में ‘लीच थौरेपी’ का उपयोग किया जाता है।
बहुत आसान है लीच थैरेपी
‘लीच थैरेपी’ बहुत ही आसान और प्रभावशाली है। इस थैरेपी में लीच को शरीर में ऐसे स्थान पर रखा जाता है, जहां दर्द या घाव रहता है। लीच तुरंत ही उस स्थान पर खून चूसना शुरू कर देता है। शरीर में मौजूद गंदे खून को लीच चूस लेता है तो धीरे-धीरे वह बीमारी दूर होने लगती है। लीच थेरेपी से मरीज का इलाज करने में करीब 45 मिनट का समय लगता है।
गंजेपन से मुक्ति
गंजेपन को दूर करने के लिए लीच थैरेपी एक बेहतर उपचार माना जा सकता है। इसमें सिर पर जिस जगह पर बाल कम होते हैं, वहां लीच को रख दिया जाता है। लीच सिर के उस हिस्से से गंदे खून को चूसती है और वहां शुद्ध रक्त का संचार होने लगता है। इससे उस जगह नए बाल आने लगते हैं।
डायबिटीज में फायदेमंद
डायबिटीज के मरीज भी लीच थैरेपी की मदद लेकरशुगर को कंट्रोल कर सकते हैं। लीच के लार में हिरूडीन नामक तत्व पाया जाता है, यह तत्व शरीर में रक्त के थक्के को जमने नहीं देता। डायबिटीज रोगियों के शरीर में खून गाढ़ा हो जाता है, इससे खून के थक्के जमने की आशंका होती है। लीच थैरेपी से डायबिटीज के मरीजों का इलाज करने से उनके शरीर में रक्त का प्रवाह बढ़ने लगता है।
लीच थैरेपी लेते समय इन बातों का रखें ध्यान
लीच थेरेपी लेने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना बेहद जरूरी होता है। लीच थेरेपी से बहुत से लोगों को एलर्जी की भी शिकायत हो सकती है और जिन लोगों का इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर है, उन्हें भी इस थैरेपी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। लीच थेरेपी लेने से पहले इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि अगर किसी दवा का सेवन कर रहे हैं तो उसके बारे में डॉक्टर को जरूर बता दें अन्यथा लीच थेरेपी लेते समय कोई साइड इफेक्ट भी हो सकता है।