Falgun Vinayak Chaturthi : पंचांग के अनुसार, हर माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी का व्रत किया जाता है। यह विशेष दिन पर भगवान गणेश जी की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, विनायक चतुर्थी का व्रत करने से जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। ऐसे में मार्च की पहली विनायक चतुर्थी पर आज इस मंत्रों द्वारा गणेश जी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
विनायक चतुर्थी का मुहूर्त
फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 13 मार्च को प्रातः 04 बजकर 03 मिनट पर हो रहा है। वहीं, इस तिथि का समापन 14 मार्च को, रात्रि 01 बजकर 25 मिनट पर हो रहा है। ऐसे में 13 मार्च, बुधवार के दिन विनायक चतुर्थी मनाई जाएगी। इस दौरान पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 19 मिनट से 01 बजकर 42 मिनट तक रहने वाला है।
करें इन मंत्रों का जाप
भगवान गणेश के मंत्र ऊँ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरू मे देव, सर्व कार्येषु सर्वदा ॥
गणेश गायत्री मंत्र
ॐ एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥
ॐ महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥
ॐ गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥
गणेश बीज मंत्र
ऊँ गं गणपतये नमो नमः ।
विघ्न नाशक मंत्र
गणपतिर्विघ्नराजो लम्बतुण्डो गजाननः ।
द्वैमातुरश्च हेरम्ब एकदन्तो गणाधिपः ॥
विनायकश्चारुकर्णः पशुपालो भवात्मजः ।
द्वादशैतानि नामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत् ॥
विश्वं तस्य भवेद्वश्यं न च विघ्नं भवेत् क्वचित् ।
जरूर करें ये काम
विनायक चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठकर गणेश जी का ध्यान करें। इसके बाद स्नान आदि से निवृत होने के बाद साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें। इसके बाद मंदिर की साफ-सफाई करने के बाद पूजा के लिए मिट्टी से बनी बप्पा की मूर्ति स्थापित करें। इसके बाद गणेश जी की विधि-विधान से पूजा करें और उनके मंत्रों का जाप करें। पूजा के दौरान गणेश जी को दूर्वा और मोदक जरूर अर्पित करना चाहिए।