Symptoms of PMS : पीरियड्स के दौरान अक्सर देखा जाता है कि लड़कियों और महिलाओं को हर महीने दर्द और अन्य मानसिक समस्याओं से जूझना पड़ता है। हाल ही में मुंबई से इससे जुड़ा एक चौंकाने वाला मामला सामने आया था। दरअसल, बीते 26 मार्च को एक लड़की ने पहले पीरियड्स के आते ही आत्महत्या कर लिया। एक्सपर्ट के अनुसार पीरियड्स में होने वाले दर्द और तनाव होने की वजह से लड़कियां और महिलाएं काफी परेशान रहती हैं, जिस वजह से उन्हें उस वक्त समझने और उनसे बात करने की जरूरत होती है।
पीरियड्स के दौरान PMS यानी प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम बीमारी किसी-किसी महिला या लड़की में पाई जाती है। इसमें कई तरह के लक्षण होते हैं। जिनमें मूड में बदलाव, कोमल स्तन, भोजन की लालसा, थकान, चिड़चिड़ापन और अवसाद शामिल हैं। यह अनुमान लगाया गया है कि पीरियड्स के दौरान हर 4 में से 3 महिलाओं को किसी न किसी रूप में प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम का अनुभव होता है। यदि किसी भी लड़की या महिला में इसके लक्षण दिखते हैं, तो इस दौरान उनका सहारा बनने की जरूरत होती है।
प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम के ये लक्षण है खतरनाक
प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम को लेकर Local 18 की टीम ने उत्तराखंड के अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज की मनोचिकित्सक डॉक्टर वीना तेजान से खास बातचीत की। उन्होंने बताया कि जब लड़कियों और महिलाओं को पीरियड्स होने शुरू होते हैं, तो किसी-किसी में पीएमएस यानी प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम बीमारी पाई जाती है। यह सामान्य तरह की बीमारी है। इसमें दो तरह के लक्षण दिखाई देते हैं। एक तो इफेक्टिव दूसरा सोमेटिक बॉडी, इफेक्टिव में उन्हें चिड़चिड़ापन, गुस्सा आना, अकेले रहना, घबराहट और उदासी भरा माहौल देखने को मिलता है। सोमेटिक बॉडी में पेट दर्द, सिर दर्द, बदन दर्द, जोड़ों में दर्द, वजन बढ़ना आदि लक्षण दिखाई देते हैं। अगर हम इन लक्षणों को ध्यान नहीं देते हैं, तो इस दौरान लड़कियों और महिलाएं काफी कठिनाइयों का सामना करती हैं।
पहले पीरियड्स में इन बातों का रखें ध्यान
डॉक्टर वीना तेजान ने बताया कि पीरियड्स के दौरान लड़कियों को स्कूल-कॉलेज में काफी परेशानियां उठानी पड़ती हैं और महिलाओं को नौकरी के समय या घर पर काम आदि में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इस दौरान लड़कियां और महिलाएं अच्छा माहौल नहीं ले पाती हैं। पीरियड्स के दौरान लड़कियों और महिलाओं से ज्यादा से ज्यादा बात करने की जरूरत है और हो सके तो लड़कियों के पहले पीरियड्स के दौरान मां उनका ध्यान देते हुए उनसे इस बारे में बातचीत करें और उन्हें शरीर की इस सामान्य प्रक्रिया के बारे में समझाएं।