Jhulelal Jayanti 2024: चेटी चंड पर्व सिंधी समाज के विशेष महत्व रखता है। इस दिन को भगवान झूलेलाल के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। साथ ही इस दिन से सिंधी नववर्ष की शुरुआत भी मानी जाती है। यह पर्व हर साल चैत्र शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। ऐसे में आइए पढ़ते हैं झूलेलाल जयंती की कथा।
चेटी चंड मुहूर्त
चैत्र माह के प्रतिपदा तिथि 08 अप्रैल को रात्रि 11 बजकर 50 मिनट पर शुरू हो रही है। वहीं, इस तिथि का समापन 09 अप्रैल रात 08 बजकर 30 मिनट पर होगा। ऐसे में चेटीचंड का पर्व 09 अप्रैल, मंगलवार के दिन मनाया जाएगा। लेकिन कुछ लोग इसे 10 अप्रैल को भी मना रहे है।
भगवान झूलेलाल की कथा
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, मिरखशाह नामक एक क्रूर मुगल राजा का राज था, जो सिंधियों को जबरन धर्म परिवर्तन करने से लिए मजबूर कर रहा था। इससे बचने के लिए सिंधियों ने नदी देवता से प्रार्थना की और पूजा पाठ, जप, व्रत आदि किए।
चालीस दिनों की पूजा के बाद नदी देवता प्रकट हुआ और लोगों को यह वचन दिया कि उन्हें अत्याचारी शासक से बचाने के लिए सिंधी समाज में दिव्य बच्चे का जन्म होगा। इसके बाद वरुण देवता ने संत झूलेलाल के रूप में जन्म लिया और सिंधी लोगों को दमनकारी शासक से लोगों को बचाया। इसलिए विशेष दिन पर भगवान झूलेलाल की पूजा की जाती है।
यह भी है मान्यता
एक अन्य मान्यता यह भी है कि जब प्राचीन काल में सिंधी समाज के लोग व्यापार से संबंधित जलमार्ग से यात्रा करते थे, तब वह जल देवता झूलेलाल से प्रार्थना करते थे, ताकि उनकी यात्रा बिना किसी बाधा के सम्पन्न हो सके। यात्रा सफल होने के बाद भगवान झूलेलाल का आभार भी प्रकट किया जाता है।