हर साल 22 मई को अंतरराष्ट्रीय जैव-विविधता दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य जैव विविधता के मुद्दों की समझ और जागरूकता बढ़ाना है। जैव विविधता पृथ्वी पर जीवन की विविधता है। सबसे छोटे बैक्टीरिया से लेकर सबसे बड़े जानवर तक। इसमें सभी पौधे, जानवर, कवक और सूक्ष्मजीव शामिल हैं। साथ ही वे पारिस्थितिक तंत्र भी शामिल हैं जो वे बनाते हैं। आधुनिक समय में जैव-विविधता विषय पर ध्यान देने की जरूरत है। आज अंतरराष्ट्रीय जैव-विविधता दिवस है ऐसे में आइए जानते हैं अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस का इतिहास और इसका महत्व
अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस का इतिहास
जैव-विविधता दिवस मनाने की पहल सबसे पहले 90 के दशक में की गई थी। जब संयुक्त राष्ट्र संघ के तत्वाधान में साल 1992 में ब्राजील के रियो डी जनेरियो में “पृथ्वी सम्मेलन” आयोजित किया गया था। इस सम्मेलन में पर्यावरण संरक्षण पर विशेष बल दिया गया। इसके बाद साल 1993 को यह 29 दिसंबर को पहली बार जैव-विविधता दिवस मनाया गया था। इसके बाद लगातार साल 2000 तक यह 29 दिसंबर को मनाया गया था, लेकिन साल 2001 से यह हर साल 22 मई को मनाया जाता है।
अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस थीम 2022
प्रत्येक वर्ष, अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस एक विशेष विषय पर केंद्रित होता है और उसी के अनुसार इसे मनाया जाता है। 2024 के विश्व जैव विविधता दिवस का विषय “Be Part of the Plan (योजना का हिस्सा बनें)” है. यह विषय प्रकृति के साथ मानव सद्भाव को बढ़ावा देने और जैव विविधता के संरक्षण के अभियान का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित करता है।
अंतरराष्ट्रीय जैव-विविधता दिवस का महत्व
अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस का महत्व आज के वर्तमान समय में बहुत है। पृथ्वी पर जीवन के लिए जैव विविधता आवश्यक है। यह हमें भोजन, पानी, दवा और अन्य संसाधन देता है। यह जलवायु को नियमित करने और हमें प्राकृतिक आपदाओं से बचाने में भी मदद करता है। वनों की कटाई, प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन जैसी मानवीय गतिविधियों से जैव विविधता खतरे में है। इसी को बचाने के लिए हर साल अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस मनाया जाता है।
संरक्षण की आवश्यकता
यह पारिस्थितिकी तंत्र की उत्पादकता को बढ़ाता है जहां प्रत्येक प्रजाति, चाहे वह कितनी भी छोटी क्यों न हो, सभी की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। पौधों की प्रजातियों की एक बड़ी संख्या का अर्थ है फसलों की अधिक विविधता। अधिक प्रजाति विविधता सभी जीवन रूपों के लिए प्राकृतिक स्थिरता सुनिश्चित करती है। विश्व को इसका संरक्षण करना चाहिए ताकि खाद्य श्रृंखला बनी रहे। खाद्य श्रृंखला में गड़बड़ी पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को प्रभावित कर सकती है।