नई दिल्ली। 29 मई यह वह दिन है जिस दिन बर्फ से ढकी सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट पर पहली बार कोई व्यक्ति पहुंचा। इस दिन न्यूजीलैंड के एडमंड हिलेरी और नेपाल के तेनजिंग नोर्गे ने वह इतिहास रचा, जो एक सपना बना हुआ था। 70 साल पहले एडमंड हिलेरी और तेनजिंग नॉर्गे ने 29 मई 1953 को सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट पर कदम रखा था। इनकी इसी ऐतिहासिक उपलब्धि पर हर साल 29 मई को इंटरनेशनल माउंट एवरेस्ट डे मनाया जाता है। यह दिन हर साल एवरेस्ट की पहली चढ़ाई की याद में मनाया जाता है। 

माउंट एवरेस्ट की कठिन राह 

एवरेस्ट फतेह की कठिन राह के दौरान दोनों ने कई चुनौतियों का सामना किया। लेकिन अटूट दृढ़ संकल्प के साथ दोनों ने हिमालय पर विषम मौसम की स्थिति, जोखिम भरे इलाके और ऑक्सीजन की कमी से जूझते हुए आगे बढ़े और एवरेस्ट के शिखर पर पहुंचे। हिमालय पर्वत की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट है। इसकी ऊंचाई 8848 मीटर है।

अवतार सिंह चीमा एवरेस्ट फतेह करने वाले पहले भारतीय 

कई लोगों ने इस चोटी पर पहुंचने में सफलता हासिल की है। कर्नल अवतार सिंह चीमा इस चोटी को फतह करने वाले पहले भारतीय बने थे। उन्होंने 20 मई सन 1965 में यह उपलब्धि हासिल की थी। वहीं बछेंद्री पाल पहली भारतीय महिला बनी थीं, जिन्होंने इस चोटी पर पहुंचकर यह मुकाम हासिल किया।

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