मक्का की फसल एक बहुपयोगी फसल है क्योंकि मक्का मनुष्य और पशुओं के आहार का प्रमुख स्रोत है। मक्का औद्योगिक दृष्टिकोण से भी काफी महत्वपूर्ण है। मक्के ने पारंपरिक अंदाज के साथ ही कई स्वादों के साथ लोगों के बीच अपनी विशेष जगह बनाई है, जिसमें मक्के का आटा, पॉपकॉर्न, बेबीकॉर्न और स्वीटकॉर्न जैसे उत्पाद प्रमुख हैं, जिनका उपयोग आज देश के प्रत्येक घर में हो रहा है। किसान मक्के की अलग-अलग किस्मों की खेती कर बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं। इसी में एक स्वीटकॉर्न भी है, जिसे मीठा मक्का कहा जाता है। किसान खरीफ सीजन के दौरान स्वीट कॉर्न की खेती से अच्छी आमदनी अर्जित कर सकते हैं। इसे लोग भुट्टे के रूप में या उबाल कर खाना पसंद करते हैं। शहरों में हाई रेट के बावजूद इसकी मांग ज्यादा रहती है। इसलिये अगर किसान इसे उगाना चाहते हैं, तो वह दोगुना कमाई कर सकते हैं।
खरीफ सीजन में करें स्वीटकॉर्न की खेती
खरीफ सीजन में किसान मक्का के साथ ही स्वीटकॉर्न की खेती कर सकते हैं। स्वीटकॉर्न वाले मक्के की बुवाई का यह सही समय है। अतः जो किसान खरीफ मौसम में मक्की की साधारण फसल बोते हैं, वे स्वीट कॉर्न की खेती से अच्छी आय अर्जित कर सकते हैं।
खूब किया जाता है पसंद
मक्के की एकमात्र मीठी किस्म है स्वीट कॉर्न। मक्के की फसल पकने से पहले दूधिया अवस्था में इसकी कटाई की जाती है। भारत के साथ-साथ अन्य देशों में भी स्वीट कॉर्न बहुत पसंद किया जाता है। स्वीट कॉर्न बच्चों से लेकर बड़ों तक को पसंद आता है। पिज्जा की टॉपिंग से लेकर सैंडविच, पास्ता में तो जरूर ही स्वीट कॉर्न डाला होगा। मसादेदार और चीजी स्वीट कॉर्न के तो बच्चे दीवाने होते हैं। कॉर्न की सब्जी भी पसंद की जाती है। ऐमें स्वीट कॉर्न की मांग बहुत है। इसलिए, यदि किसान आम मक्का उगा रहे हैं, तो वे दोगुनी कमाई के लिए स्वीट कॉर्न की फसल बो सकते हैं।
कैसे करें खेती
स्वीट कॉर्न की खेती बिल्कुल मक्का की खेती की तरह ही की जाती है.स्वीट कॉर्न की खेती में मक्का की फसल पकने से पहले ही तोड़ लिया जाता है, इसलिये किसानों को कम समय में ही अच्छी आमदनी हो जाती है। इसकी खेती करते समय मक्का की उन्नत किस्मों का ही चुनाव करें। कम समय में पकने वाली कीटरोधी किस्मों को चुनना बेहतर रहता है। खेत की तैयारी करते समय जल निकासी का प्रबंधन कर दें, जिससे फसल में जल-भराव न हो। वैसे तो स्वीट कॉर्न पूरे भारत में उगाई जाती है, लेकिन उत्तर प्रदेश मे बड़े पैमाने पर इसकी खेती की जा रही है। उत्तर भारत में इसकी बुवाई खरीफ के मौसम में यानी जून से जुलाई के बीच की जाती है। स्वीट कॉर्न की खेती रबी और खरीफ दोनों सीजन में कर सकते है।
फसल कटाई
स्वीट कॉर्न फसल की कटाई की प्रक्रिया बेहद आसान है। जब भुट्टों में से दुधिया पदार्थ निकलने लगे तो फसल कटाई के लिये तैयार हो जाती है। स्वीट कॉर्न की फसल कटाई सुबह या शाम में ही करें, इससे फसल ज्यादा देर तक तरो-ताजा बनी रहेगी। कटाई के बाद इसे मंडियों में बेच दें।
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