देहरादून। कक्षा 2 का एक 7 साल का छात्र अपने पिता को घर जाकर अम्मी अब्बू कहकर पुकारता है, घर वालों को बड़ा आश्चर्य इस बात को लेकर होता है कि हिंदू परिवार का बच्चा आखिर माता पिता की जगह अम्मी अब्बू क्यों बोल रहा है। किसने आखिर इसको ये शब्द सिखाए, पेरेंट्स बच्चे से सवाल पूछते हैं, बेटे, कहां से सीखा आपने अम्मी-अब्बू कहना। जवाब में बच्चे ने जो कहा वो सुनकर माता पिता दोनों हैरान रह गए।
बच्चे ने कहा, हमारी इंग्लिश की किताब में फादर मदर का अर्थ अम्मी अब्बू बताया गया है। बच्चे की किताब को खोलकर देखा गया तो ये बात सच निकली कि किताब में वाकई वही उर्दू के शब्द लिखे हुए थे। इसके बाद बच्चे के पिता ने डीएम को इसको लेकर एक शिकायती पत्र लिखकर जांच करने का अनुरोध किया। इसके बाद डीएम ने इस पूरे मामले को संज्ञान में लेते हुए शिक्षा विभाग को लेटर लिख मामले की जांच करने के आदेश दिए हैं।
आपको बता दें कि इन दिनों NCERT की किताबों और उनमें लिखे इतिहास को लेकर देशभर में बवाल हो रहा है तो इस बीच उत्तराखंड का ये मामला भी इस बवाल में जुड़ता हुआ दिखाई दे रहा है। हालांकि इस मामले में किसी के इतिहास को लेकर नहीं बल्कि सिर्फ उर्दू के शब्दों को लेकर सवाल उठाया गया है। डीएम को प्राप्त हुई शिकायत के अनुसार, बच्चे के पिता मनीष मित्तल ने बताया कि उनका सात साल बीटा निकट के ही एक ICSC बोर्ड के स्कूल में पढ़ता है। हाल ही में उसकी पढ़ाई के लिए वो नई किताबें लेकर आए, लेकिन कुछ समय बाद बच्चा अपने माता पिता को जब अम्मी अब्बू बुलाने लगा, तो सवाल उठा कि ये शब्द एक हिंदू घर में पले बढे बच्चे ने आखिर सीखे कहां से, पता करने पर ये बात निकलकर सामने आई कि कक्षा 2 में अंग्रेजी की किताब ‘गुलमोहर-2’ में अंग्रेजी में फादर मदर शब्द का अर्थ उर्दू के शब्दों अम्मी अब्बू से लिया गया है। ये बात पेरेंट्स को पसंद नहीं आई, लिहाजा उन्होंने 30 मार्च को डीएम को इसके बारे में एक लिखित शिकायत सौंपी।
अब्बू-अम्मी’ सुन सहमे हिजिलाधिकारी ने दिए जांच के आदेश
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक डीएम सोनिका ने कहा,‘मुझे कुछ समय पहले इस संबंध में एक छात्र के पिता ने शिकायत की है. मैंने मामले को मुख्य शिक्षा अधिकारी के पास भेज दिया है।’ जिलाधिकारी ने मुख्य शिक्षा अधिकारी से एक सप्ताह के भीतर जांच रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।
वर्षों से ICSE बोर्ड में पढ़ाई जा रही किताब
वहीं इस मामले में एक अधिकारी ने बताया कि पुस्तक में बने एक चित्र में इन शब्दों का प्रयोग हुआ है, जहां पाठ का मुख्य पात्र आमिर अपने पिता को ‘अब्बू’ और माता को ‘अम्मी’ कहकर संबोधित कर रहा है। उन्होंने बताया कि हैदराबाद के प्रकाशक द्वारा छापी गई यह पुस्तक वर्षों से आईसीएसई बोर्ड की अध्ययन सामग्री का हिस्सा है, जिसकी हजारों प्रतियां मौजूद हैं।