एक्ट्रेस छवि मित्तल, जिन्होंने कुछ समय पहले ही ब्रेस्ट कैंसर को मात दी है, उन्होंने अब हाल ही में एक और चौंकाने वाला खुलासा किया है। छवि ने अब लेटेस्ट सोशल मीडिया पोस्ट में खुद का एक हेल्थ अपडेट जारी किया है, जिसमें वह कॉस्टोकॉन्ड्राइटिस नाम की एक बीमारी से पीड़ित होने की बात बता रही हैं। एक्ट्रेस ने अपने इंस्टाग्राम पर लिखा, ‘नई वाली बीमारी लाई हूं मार्केट में’, इसके आगे उन्होंने यह भी कहा कि कॉस्टोकॉन्ड्राइटिस कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाले रेडिएशन का परिणाम हो सकता है। इस आर्टिकल में हम यही जानने की कोशिश करेंगे कि आखिर यह कॉस्टोकॉन्ड्राइटिस बीमारी क्या है और इसके उपचार व लक्षण क्या हैं।

कॉस्टोकॉन्ड्राइटिस क्या है?

आसान शब्दों में कहें तो, कॉस्टोकॉन्ड्राइटिस कॉस्टोकॉन्ड्रल जोड़ की सूजन है। इस जोड़ में कार्टिलेज (कोस्टल कार्टिलेज) होते हैं, जो पसलियों को छाती की हड्डी स्टर्नम से जोड़ते हैं। इस दौरान कुछ गतिविधियां करने में सीने में तेज दर्द का अनुभव होता है, जैसे लेटने, गहरी सांस लेने, भारी वजन उठाने (सिर्फ जिम में नहीं) के दौरान यह दर्द और बिगड़ जाता है। संयुक्त राज्य अमेरिका में राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (एनआईएच_) के अनुसार इस स्थिति के सटीक कारण के बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध नहीं हैं। ऐसे कई कारण हो सकते हैं, जिनके परिणामस्वरूप ऐसी सूजन होती है जिसमें छाती पर तनाव, चोट आदि शामिल हैं। 40 से अधिक उम्र वाले वयस्कों में कॉस्टोकॉन्ड्राइटिस का खतरा अधिक होता है।

कॉस्टोकॉन्ड्राइटिस के लक्षण क्या हैं?

हालांकि, इस स्थिति के विकसित होने का कोई विशेष कारण नहीं है; कुछ अन्य कारण जो शामिल हो सकते हैं:

  • छाती पर चोट लगना
  • बहुत तेज़ या लगातार खांसी होना
  • छाती पर बैक्टीरियल/फंगल इन्फेक्शन होना
  • शरीर के ऊपरी हिस्से का अधिक इस्तेमाल
  • अजीबोगरीब आकार के भारी सामानों को उठाना
  • छाती पर तनाव

अन्य स्थितियां जिनके कारण कॉस्टोकॉन्ड्राइटिस की समस्या उत्पन्न हो सकती है:

  • रुमेटीइड गठिया (जोड़ों में अकड़न और सूजन)
  • फाइब्रोमायल्जिया (एक ऐसी स्थिति जो लंबे समय से दर्द से जुड़ी होती है)

यह सभी कारण अधिक सामान्य हैं, जबकि बहुत ही दुर्लभ मामलों में कॉस्टोकॉन्ड्राइटिस की एक वजह छाती में ट्यूमर भी हो सकता है।

कॉस्टोकॉन्ड्राइटिस को ठीक करने का तरीका है कि सीने में दर्द के अन्य सभी संभावित कारणों को खत्म कर दिया जाए; जैसे पल्मोनरी डिजीज, दिल का दौरा, निमोनिया, एसिड रिफ्लक्स या टूटी हुई पसली। इसके अलावा कॉस्टोकॉन्ड्राइटिस का इलाज करने और सीने में दर्द के किसी भी अतिरिक्त कारण को खत्म करने के लिए, कई तरह के टेस्ट्स की भी सलाह दी जा सकती है।

  • लैबोरेट्री टेस्ट: दिल के दौरे या निमोनिया जैसी किसी भी बीमारी या स्थिति के बारे में पता लगाने में यह मददगार हो सकता है।
  • रेडियोलॉजी: किसी भी संक्रमण का पता लगाने के लिए छाती और फेफड़ों का स्कैन किया जाता है। कॉस्टोकॉन्ड्राइटिस के मामले में एक्स-रे सामान्य होगा।
  • ईसीजी: यह भी अन्य स्थितियों के बारे में पता लगाने और समय रहते उसका सही इलाज करने के लिए मददगार है।

कॉस्टोकॉन्ड्राइटिस का इलाज क्या है?

कॉस्टोकॉन्ड्राइटिस का ट्रीटमेंट इसकी इंटेंसिटी पर निर्भर करेगा। चाहे स्थिति हल्की हो, कम दर्द हो या गंभीर हो। हालांकि, इसके कुछ घरेलू उपचार भी हो सकते हैं, इनमें से कुछ हैं:

  • कंट्रास्ट थेरेपी (गर्म और ठंडा थेरेपी)
  • फिजिकल थेरेपी
  • इसके अलावा ढेर सारा आराम भी इस स्थिति में राहत दिला सकता है।

कुल मिलाकर कॉस्टोकॉन्ड्राइटिस को नियंत्रित किया जा सकता है। हालांकि, इसकी स्थिति के बारे में पूरी तरह से जांच करने के लिए अपने डॉक्टर से जरूर परामर्श लें। सीने में होने वाला हर दर्द कॉस्टोकॉन्ड्राइटिस नहीं हो सकता है और किसी भी जोखिम से बचने के लिए सीने में किसी भी दर्द के बारे में डॉक्टर को जरूर बताएं।

By pratik khare

पत्रकार प्रतीक खरे झक्कास खबर के संस्थापक सदस्य है। ये पिछले 8 वर्ष से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने कई समाचार पत्र, पत्रिकाओं के साथ - साथ समाचार एजेंसी में भी अपनी सेवाएं दी है। सामाजिक मुद्दों को उठाना उन्हें पसंद है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights