लखनऊ। जनता दल (यूनाइटेड) उत्तर प्रदेश की महिला मंच प्रदेश अध्यक्ष शालिनी सिंह पटेल ने बुधवार को धरना स्थल इको गार्डन पहुंचकर 69000 शिक्षक भर्ती में नियुक्ति पाने से वंचित आरक्षित वर्ग के विद्यार्थियों से मुलाकात की। शालिनी सिंह पटेल ने धरने में बैठे अभ्यर्थियों की मांग का समर्थन किया। पटेल ने कहा कि 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण घोटाला भाजपा की दलित व पिछड़ा विरोधी मानसिकता को दर्शाता है। आरक्षित वर्ग के पीड़ित अभ्यर्थियों को चुनाव के दौरान योगी सरकार ने नौकरी देने का वादा किया था और 6800 की एक सूची भी जारी की थी, लेकिन चुनाव जीत जाने के बाद मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया, जबकि इस भर्ती में आरक्षण घोटाले की पुष्टि राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग भी कर चुका है। नियुक्ति पाने से वंचित अभ्यार्थी मानसिक पीड़ा से गुजर रहे हैं, उन्होंने कहा कि अपने अधिकार के लिए लड़ रहे पीड़ित अभ्यार्थियों के द्वारा 11 अगस्त 2023 मुख्यमंत्री आवास घेराव का मैं समर्थन करती हूं।
अभ्यर्थियों के हक अधिकार की लड़ाई लड़ रहे अमरेंद्र पटेल ने बताया कि 69000 शिक्षक भर्ती वर्ष 2018 में आयोजित की गयी थी। 21 जून 2020 को 69000 अभ्यर्थियों की चयन सूची आई जिसमें आरक्षण लागू करने में विसंगति की गई। जब विभाग ने मामले का संज्ञान नहीं लिया तो सभी चयन पाने से वंचित अभ्यर्थी अपनी शिकायत राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग में दर्ज कराई। लगभग एक वर्ष हुई सुनवाई के बाद 29 अप्रैल 2021 में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट किया कि पिछड़े वर्ग को नियमानुसार आरक्षण नहीं दिया गया हैै और ओबीसी उम्मीदवारों के अधिकारों का उल्लंघन हुआ है।
न्याय नहीं मिलने पर पिछड़े दलित वर्ग के अभ्यर्थियों के द्वारा आंदोलन शुरू किया गया कई महीने चले आंदोलन के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने मामले का संज्ञान लेकर अधिकारियों को आदेश दिया कि आरक्षण लागू कराने में हुई विसंगति को दूर करते हुए सभी को नौकरी दी जाए। अधिकारियों ने पीड़ित 6800 अभ्यार्थी की एक सूची तैयार की और नियुक्ति देने का वादा था लेकिन अभी तक न्याय नहीं मिल सका।
अमरेंद्र पटेल ने बताया कि इस मामले में वर्तमान बेसिक शिक्षा मंत्री जी से कई बार मुलाकात हुई लेकिन कोई सार्थक निष्कर्ष नहीं निकला, जिस कारण हम हताश परेशान हैं।