हिंदी हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। हिंदी को भारत की पहचान के तौर पर भी देखा जा सकता है। हमारे देश में कई भाषाएं बोली जाती हैं। इसमें हिंदी भाषा एक-दूसरे से जोड़ने का काम करती है। हिन्दी भारत समेत कई अन्य देशों में भी बोली जाती है। ऐसे में विदेशों में बसे भारतीयों को भी हिंदी भाषा एक दूसरे से जोड़ने का काम करती है। ऐसे में हिंदी के महत्व को लोगों तक पहुंचाने और इसे बढ़ावा देने के उद्देश्य से हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। यह दिन हिंदी भाषा का महत्व बढ़ाने और उसे सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। इसके अलावा 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस सेलिब्रेट किया जाता है। आइए एस खास मौके पर यह जानते हैं कि हिंदी दिवस मनाने के लिए 14 सितंबर की तारीख ही क्यों तय की गई। साथ ही हिंदी भाषा से जुड़ी अनोखी जानकारियों के बारे में जानते हैं। 

14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाने की वजह 

हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। इसके मानने के पीछे की वजह एक नहीं, बल्कि दो हैं। दरअसल, यह वही दिन है, जब साल 1949 में लंबी चर्चा के बाद हिंदी को देश की राजभाषा घोषित किया गया था। इसके बाद से हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। 14 तारीख का चुनाव खुद देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने किया था। इस दिन को मनाने के पीछे एक और खास वजह है। जो मशहूर हिंदी कवि राजेन्द्र सिंह से जुड़ी हुई है। 

14 सितंबर के दिन हिन्दी दिवस मनाने के पीछे का कारण हिंदी के महत्व को बढ़ाना तो था ही, पंरतु इसी दिन महान हिंदी कवि राजेंद्र सिंह की जयंती भी होती है। भारतीय विद्वान, हिंदी-प्रतिष्ठित, संस्कृतिविद, और एक इतिहासकार होने के साथ ही उन्होंने हिंदी को आधिकारिक भाषा बनाने में अहम भूमिका निभाई थी।

हिंदी का नाम “हिंदी” कैसे पड़ा?

क्या आप यह जानते हैं आखिर हिंदी भाषा का नाम हिंदी कैसे पड़ा। हम आपको इसके बारे में भी बताते हैं। दरअसल में हिंदी नाम खुद किसी दूसरी भाषा से लिया गया है। फारसी शब्द ‘हिंद’ से लिए गए हिंदी नाम का मतलब सिंधु नदी की भूमि होता है। 11वीं शताब्दी की शुरुआत में फारसी बोलने वाले लोगों ने सिंधु नदी के किनारे बोली जाने वाली भाषा को ‘हिंदी’ का नाम दिया था।

इसलिए मनाते हैं दिवस

अंग्रेजी भाषा के बढ़ते चलन और हिंदी के प्रचलन में कमी को देखते हुए हिंदी दिवस मनाया जाता है, ताकि हिंदी की अनदेखी को रोका जा सके। साथ ही भारत में कई भाषाएं और लिपियां हैं, लेकिन हिंदी भाषा भारत के सभी राज्यों को और विदेशों में बसे भारतीयों को आपस में जोड़ने का कार्य करती है।  

विश्व में तीसरी सबसे ज्यादा बोले जाने वाली भाषा

हिंदी सिर्फ भारत में ही बोली जाने वाली भाषा नहीं है, यह दुनियाभर में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली तीसरी भाषा है। हिंदी विश्व की ऐसी तीसरी भाषा है, जिसे सबसे ज्यादा बोला जाता है। हिंदी भाषा दुनिया में 60 करोड़ से ज्यादा लोग बोलते हैं। भारत में लगभग 70 फीसदी से भी ज्यादा लोग हिंदी बोलते हैं। वहीं भारत के अलावा कई अन्य देश ऐसे हैं, जहां लोग हिंदी भाषा का इस्तेमाल करते हैं। इन देशों में नेपाल, मॉरीशस, फिजी, पाकिस्तान, सिंगापुर, त्रिनिदाद एंड टोबैगो, बांग्लादेश जैसे देश शामिल हैं।

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