किसानों के लिए अच्छी खबर है। केन्द्र सरकार ने किसानों को सीधे तौर पर फायदा पहुंचाने के लिए बड़ा फैसला लिया है। कैबिनेट की बैठक में रबी की 6 फसलों का न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य (एमएसपी) बढ़ाने का फैसला लिया गया है। कैबिनेट ने एमएसपी में 2 प्रतिशत से लेकर 7 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी को मंजूरी दी है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने विपणन सीजन 2024-25 के लिए सभी अनिवार्य रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि को मंजूरी दे दी है।

किस फसल पर कितनी बढ़ी एमएसपी

सरकार ने विपणन सीजन 2024-25 के लिए रबी फसलों के एमएसपी में वृद्धि की है, ताकि उत्पादकों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित किया जा सके। एमएसपी में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी दाल (मसूर) के लिए 425 रुपये प्रति क्विंटल। इसके बाद रेपसीड एवं सरसों के लिए 200 रुपये प्रति क्विंटल की मंजूरी दी गई है। गेहूं और कुसुम में से प्रत्येक के लिए 150 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी को मंजूरी दी गई है। जौ और चने के लिए क्रमश: 115 रुपये प्रति क्विंटल और 105 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी को मंजूरी दी गई है।

सभी रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य

(रुपये प्रति क्विंटल)

क्र.संफसलेंएमएसपी आरएमएस2014-15एमएसपी आरएमएस 2023-24एमएसपी आरएमएस 2024-25उत्पादन लागत* आरएमएस 2024-25एमएसपी में वृद्धि (संपूर्ण)लागत पर मार्जिन (प्रतिशत में)
1गेहूं1400212522751128150102
2जौ110017351850115811560
3चना310053355440340010560
4दाल(मसूर)295060006425340542589
5रेपसीड एवं सरसों305054505650285520098
6कुसुम300056505800380715052

एमएसपी में वृद्धि केंद्रीय बजट 2018-19 की घोषणा के अनुरूप

कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्रालय के अनुसार विपणन सीजन 2024-25 के लिए अनिवार्य रबी फसलों की एमएसपी में वृद्धि केंद्रीय बजट 2018-19 की घोषणा के अनुरूप है, जिसमें एमएसपी को अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत के कम से कम 1.5 गुना के स्तर पर निर्धारित करने की बात कही गई थी। अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत पर अपेक्षित लाभ गेहूं के लिए 102 प्रतिशत;रेपसीड और सरसों के लिए 98 प्रतिशत; दाल के लिए 89 प्रतिशत; चने के लिए 60 प्रतिशत; जौ के लिए 60 प्रतिशत और कुसुम के लिए 52 प्रतिशत है। रबी फसलों की इस बढ़ी हुई एमएसपी से किसानों के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित होगा और फसल विविधीकरण को प्रोत्साहन मिलेगा।

केंद्र सरकार के अन्य प्रयास

मंत्रालय के अनुसार, सरकार खाद्य सुरक्षा बढ़ाने, किसानों की आय में वृद्धि करने और आयात पर निर्भरता कम करने के लिए तिलहन, दलहन और श्रीअन्न/मोटे अनाजों की ऊपजबढ़ाने के क्रम में फसल विविधीकरण को बढ़ावा दे रही है। मूल्य नीति के अलावा, सरकार ने वित्तीय सहायता प्रदान करने व तिलहन और दलहन की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने हेतु गुणवत्तापूर्ण बीज उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसएम), प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) और राष्ट्रीय तिलहन और ऑयल पाम मिशन (एनएमओओपी) जैसी विभिन्न पहलें की हैं।

इसके अतिरिक्त, देश भर में प्रत्येक किसान तक किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना का लाभ पहुंचाने के लिए, सरकार ने किसान ऋण पोर्टल (केआरपी), केसीसी घर-घर अभियान और मौसम सूचना नेटवर्क डेटा प्रणाली (विंड्स) का शुभारंभ किया है। विंड्स का उद्देश्य किसानों को अपनी फसल के संबंध में निर्णय लेने में सशक्त बनाने के लिए मौसम की समय पर और सटीक जानकारी प्रदान करना है। इन पहलों का लक्ष्य कृषि में क्रांति लाना, वित्तीय समावेश का विस्तार करना, डेटा उपयोग को अधिकतम करना और देश भर में किसानों के जीवन को बेहतर बनाना है।

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