अपनी दमदार कॉमेडी से सभी को हंसाने वाले बॉलीवुड अभिनेता अरशद वारसी आज अपना 55वां जन्मदिन मना रहा है। अरशद ने अपनी फिल्मों से लोगों को खूब इंटरटेन किया। फिल्म मुन्ना भाई में सर्किट, गोलमाल में माधव, धमाल आदित्य (आदि) श्रीवास्तव या जॉली एलएलबी में जाॅली के रोल में अरशद ने हर किसी को अपना दिवाना बनाया। अपने इई तरह के अभिनय के दम पर अपनी एक अलग पहचाई। हालांकि अरशद के लिए यह फिल्म सफर इतना आसान नहीं था। बड़े पर्दे पर सभी को हंसाने वाले अरशद वारसी का जीवन संघर्षों से भरा रहा है। आइए जानते हैं उनके जीवन के बारे में…….

अरशद वारसी का जन्म

अरशद वारसी का जन्म 19 अप्रैल 1968 में मुंबई में एक मुस्लिम परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम अहमद अली खान था। हिंदी फिल्मों में बतौर म्यूजिशियन काम करते थे। अरशद ने अपनी स्कूली शिक्षा बोर्डिंग स्कूल में पूरी की। 14 साल की उम्र में ही मां-बाप साया उठ गया था।

आर्थिक हालत खराब होने पर बने सेल्समैन

कम उम्र में माता-पिता को खोने के उन्होंने अपनी पढ़ाई छोड़ दी थी। अरशद वारसी ने घर की आर्थिक हालत खराब होने के कारण सेल्समेन बनकर काम किया। बाद में उन्होंने एक फोटो-लैब में काम किया। इसके बाद उन्होंने डांस में रूची ली और अकबर सामी के डांस ग्रुप को ज्वाइन किया। उन्होंने इस काम में आगे बढ़ाया और बतौर कोरियोग्राफर काम करना शुरू कर दिया। अरशद ने फिल्म ठिकाना और काश में बतौर कोरियोग्राफर काम किया। इसके बाद उन्होंने अपना खुद का डांस स्टूडियो खोला था। उन्हें श्रीदेवी और अनिल कपूर की फिल्म रूप की रानी चोरों का राजा (1993) के लिए टाइटल ट्रैक को कोरियोग्राफ करने का मौका मिला। 

ऐसे मिला फिल्म में काम

डांस कोरियोग्राफ कर रहे अरशद पर एक्ट्रेस जया बच्चन की नजर पड़ी। उन्होंने अमिताभ बच्चन के प्रोडक्शन हाउस एबीसीएल की फिल्म तेरे मेरे सपने के लिए अरशद को कास्ट कर लिया। इस फिल्म का गाना आंख मारे जबरदस्त हिट हुआ लेकिन ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कुछ कमाल नहीं दिखा पाई। पहली फिल्म के फ्लॉप होने के बाद अभिनेता को काफी संघर्ष का सामना करना पड़ा। इसके बाद कई फिल्मों में काम किया।

निजी जीवन
अरशद वारसी ने 14 फरवरी 1999 को मारिया गोरेटी से शादी की। उनके दो बच्चे हैं। बेटे का नाम जेके वारसी और बेटी जेन वारसी है।

फिल्मी करियर

अरशद वारसी को अमिताभ बच्चन की प्रोडक्शन कंपनी, अमिताभ बच्चन कॉर्पोरेशन के पहले प्रोडक्शन तेरे मेरे सपने में अभिनय करने का पहला प्रस्ताव 1996 में मिला। इसके बाद उन्होंने बेताबी (1997), मेरे दो अनमोल रतन और हीरो हिंदुस्तानी जैसी फिल्मों में भूमिकाएं निभाईं। पी वासु की होंगे प्यार की जीत (1999) में उनके अभिनय की प्रशंसा हुई। इसके बाद भी वारसी ने कई फिल्मों में काम किया। जिनमें से अधिकांश बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन करने में असफल रहीं।

अरशद को प्रसिद्धि 2003 में राजकुमार हिरानी की कॉमेडी मुन्ना भाई एमबीबीएस से मिली। इस फिल्म में उन्होंने संजय दत्त (मुन्ना भाई) के साथ सर्किट (अरशद वारसी) के रूप में अभिनय किया। फिल्म बॉक्स ऑफिस पर एक बड़ी सफलता साबित हुई। इसके बाद वारसी ने गोलमाल सीरीज, धमाल, जॉली एलएलबी, डेढ़ इश्किया जैसी सफल फिल्मों में काम किया।

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