भारतीय नौसेना को बड़ी कामयाबी मिली है। हाल ही में बनकर तैयार हुए नौसेना के नवीनतम स्वदेशी युद्धपोत से मिसाइल दागी गई है। दुनिया की सबसे तेज चलने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ‘ब्रह्मोस मिसाइल’ को P15B डेस्ट्रॉयर से छोड़ा गया है।
नौसेना के नवीनतम स्वदेशी युद्धपोत का डिस्प्लेसमेंट 7400 टन है। यह 535 फीट लंबा युद्धपोत है। यह डीजल-इलेक्ट्रिक युद्धपोत है। अधिकतम स्पीड 56 किलोमीटर प्रतिघंटा है। अगर इसे 33 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलाएं तो यह 15 हजार किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है। 45 दिनों तक समुद्र में रह सकता है। इसमें चार रिजिड बोट्स भी हैं।
स्वदेशी युद्धपोत में क्या है खासियत?
इस युद्धपोत पर 48 वर्टिकल लॉन्च सिस्टम (वीएलएस) है। इसमें एंटी-एयर वॉरफेयर के तौर पर 32 बराक-8 सरफेस-टू-एयर मिसाइल लगी है। इसके अलावा एंटी-सरफेस वॉरफेयर के तौर पर 16 ब्रह्मोस एंटी-शिप मिसाइलें तैनात हैं। इतना ही नहीं इसमें 4 टॉरपीडो ट्यूब्स भी लगे हैं। 2 एंटी-सबमरीन रॉकेट लॉन्चर्स लगे हैं। इस युद्धपोत पर 1 ओटो मेलारा नेवल गन, 4 AK-630M CIWS सिस्टम, 2 रिमोट कंट्रोल्ड गन हैं। इस जहाज पर 2 ध्रुव या सीकिंग हेलिकॉप्टर तैनात हो सकते हैं। साथ ही इस युद्धपोत पर 50 नेवल ऑफिसर और 250 नौसैनिक तैनात हो सकते हैं।
युद्धपोत आईएनएस इम्फाल से निकली ब्रह्मोस मिसाइल के एक्सटेंडेड वर्जन ने ‘बुल्स आई’ पर निशाना लगाया। न्यूज एजेंसी एएनआई ने एक्स पर वीडियो शेयर कर कहा, “इम्फाल (यार्ड 12706), भारतीय नौसेना के नवीनतम स्वदेशी निर्देशित मिसाइल विध्वंसक ने समुद्र में अपनी पहली ब्रह्मोस फायरिंग में ‘बुल्स आई’ स्कोर किया।
स्वदेशी पोत इम्फाल से मिसाइल नष्ट करने में मिली सफलता को रेखांकित करते हुए नौसेना ने कहा, “इससे ‘आत्मनिर्भर भारत’ आह्वान के तहत बढ़ती जहाज निर्माण क्षमता की भी पता चलता है। इम्फाल को अपने बेड़े में शामिल करने का फैसला दिखाता है कि नौसेना स्वदेशी हथियारों और प्लेटफार्मों की सुनिश्चित विश्वसनीयता पर अटूट फोकस कर रही है।”