जैविक खेतीजैविक खेती

खेती-किसानी में रासायनिक खाद के इस्तेमाल से जमीन की उर्वरकता पर बेहद बुरा असर पड़ रहा है. इसी कारण सरकारें किसानों को खेती में रासायनिक उर्वरक की जगह जैविक खाद का उपयोग करने की सलाह दे रही है. बिहार सरकार ने किसानों को जैविक खेती अपनाने पर आर्थिक मदद देने की भी घोषणा की है.

बिहार कृषि विभाग के मुताबिक जैविक खेती करने वाले किसानों को 6500 रुपये प्रति एकड़ मिलेंगे. किसानों को ये राशि जैविक प्रोत्साहन योजना के तहत दिए जाएंगे. इस राशि को पाने के लिए किसानों को 2.5 एकड़ जमीन होना चाहिए. 2.5 एकड़ जमीन पर किसानों को कुल 16 हजार 250 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी.इसके लिए किसान को बिहार कृषि विभाग की वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना होगा. किसी भी तरह की जानकारी के लिए टोल फ्री नंबर 1800-180- 1551 पर भी कॉल कर मदद ली जा सकती है.

रासायनिक और जैविक खेती में बड़ा अंतर खर्च का आता है. अगर 1 एकड़ खेती रासायनिक तौर पर की जाए तो खर्च 30 हजार प्रति एकड़ तक होता है. वहीं जैविक खेती में मात्र 5 हजार का खर्चा आता है. वहीं, अगर कमाई की बात करें तो रासायनिक की तुलना में जैविक खेती में 20% से अधिक मुनाफा होता है. वहीं जैविक खेती का माल बेचने में आसानी होती है और बड़ी संख्या में उसके खरीदार मिलते हैं.

जैविक खेती के लाभ अनेक हैं. इस पद्धति को अपनाने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति लम्बे समय तक बनी रहती है, साथ ही सिंचाई अंतराल में वृद्धि होती है. इस पद्धति की खेती में लागत भी कम आती है. वहीं पर्यावरण पर भी अच्छा प्रभाव पड़ता है. भूजल को बढ़ावा मिलता है और स्वास्थ्यवर्धकऔर रसायन से मुक्त अनाज प्राप्त होता है।

By pratik khare

पत्रकार प्रतीक खरे झक्कास खबर के संस्थापक सदस्य है। ये पिछले 8 वर्ष से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने कई समाचार पत्र, पत्रिकाओं के साथ - साथ समाचार एजेंसी में भी अपनी सेवाएं दी है। सामाजिक मुद्दों को उठाना उन्हें पसंद है।

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