कुश्ती महासंघ के खिलाफ पहलवानों ने एक बार फिर विरोध कर दिया है. जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे पहलवानों ने कहा, यहां उनके साथ बुरा व्यवहार किया जा रहा है. वह कुश्ती को गलत हाथों से निकाल कर सही हाथों में दिए जाने की लड़ाई लड़ने बैठे हैं, लेकिन उनके लिए ऐसी परिस्थितियां बनाई जा रही हैं कि वह यहां से हट जाएं. पहलवानों ने पुलिस पर भी धक्का-मुक्की करने और अलग-अलग तरीके से परेशान करने के आरोप लगाए हैं.
केस दर्ज कर सकती है पुलिस, हटा नहीं सकती
हालांकि सामने आया है कि, सभी रेसलर रात को जंतर-मंतर पर ही रुकेंगे. पुलिस किसी रेसलर को यहां से नहीं उठाएगी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के वायलेशन पर पुलिस मुकदमा दर्ज कर सकती है, लेकिन रेसलर्स को जबरन जंतर-मंतर से उठाने का प्लान पुलिस का नहीं है.
शाम चार बजे की थी प्रेस कॉन्फ्रेंस
तीन महीने पहले महासंघ अध्यक्ष ब्रजभूषण शरण सिंह पर विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया के साथ कई पहलवानों ने शोषण के आरोप लगाए थे. इन आरोपों पर आगे कोई कार्रवाई होता न देखकर पहलवानों ने रविवार को एक बार फिर मोर्चा खोल दिया है. पहलवान जंतर-मंतर पर धरने पर बैठ गए हैं. इससे पहले शाम 4 बजे उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी बात रखी और कहा कि उन्हें अभी तक न्याय नहीं मिला है. 7 लड़कियों ने शोषण को लेकर शिकायत दी है, लेकिन अभी भी उनकी शिकायत के आधार पर FIR दर्ज नहीं की गई है.
पहलवानों ने पुलिस पर भी लगाए आरोप
जानकारी के मुताबिक, जंतर -मंतर पर धरने पर बैठे पहलवानों ने देर शाम पुलिस पर भी आरोप लगाए हैं. पहलवान विनेश फोगाट ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके साथ धक्का-मुक्की की है. उन्होंने कहा, धरने पर उनके पास खाना-पानी नहीं आने दिया जा रहा है. हम पूरी रात यही हैं. पुलिस जो चाहे कर ले, हमें भूखे रहने की आदत है, हम रह लेंगे, लेकिन अपनी लड़ाई नहीं छोड़ेंगे.
क्यों दर्ज नहीं कर रहे हैं FIR
वहीं पहलवानों ने सवाल उठाया कि आप शिकायत पर FIR क्यों नहीं दर्ज कर रहे हैं. पुलिस ब्रजभूषण सिंह के खिलाफ भी FIR क्यों नहीं कर रही है. हम कुश्ती के लिए जी जान से लड़ेंगे. पहलवान बजरंग पूनिया ने कहा कि, देश की बेटी और बेटे जंतर-मंतर पर न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं. जब तक न्याय नहीं मिलेगा, हम ये लड़ाई लड़ते रहेंगे. वह डिटेन भी करना चाहें तो कर लें, हम अपनी लड़ाई जारी रखेंगे.
साक्षी मलिक ने पूछा, कमेटी की जांच में क्या निकला निष्कर्ष?
इससे पहले रविवार शाम को चार बजे हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में विनेश फोगाट, साक्षी और बजरंग पूनिया के साथ बैठ पहलवानों ने कुश्ती फेडरेशन के खिलाफ हुंकार भरी और ऐलान किया था कि जब तक न्याय नहीं मिल जाता, वह यहां जंतर-मंतर पर रहेंगे. पत्रकारों से बात करते हुए पहलवान साक्षी मलिक ने कहा कि सात पहलवान लड़कियों ने शिकायत दी है, लेकिन उनकी शिकायत पर FIR नहीं की जा रही है. पुलिस अधिकारी सोमवार को बात करने को कह रहे हैं और लगातार इस मामले में देरी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि, यह इतना सेंसेटिव केस है, लेकिन इसमें देरी क्यों हो रही है, यह समझ से परे है. उन्होंने आगे कहा कि पहले लगाए गए आरोपों की जांच के लिए कमेटी बैठाई गई थी, लेकिन कमेटी ने क्या जांच की और उस जांच में क्या निष्कर्ष निकला, ये अभी सामने नहीं आया है.
तीन महीने से हो रहे हैं मेंटल टॉर्चर: विनेश फोगाट
इस दौरान तीनों प्रमुख पहलवानों से पूछा गया कि मामला सेंसेटिव क्यों है? इसके जवाब में साक्षी ने कहा कि, पहलवानों के शोषण का मामला है. आप समझ ही रहे हैं कि हैरेसमेंट का केस अपने आप में कितना सेंसेटिव है. एक लड़की का मामला है तो कितना सेंसेटिव हो सकता है. वहीं, विनेश फोगाट ने कहा कि,
खिलाड़ी कह रहे हैं कि हैरेसमेंट हो रहा है, तीन महीने से मेंटल टॉर्चर से जूझ रहे हैं. हम नहीं सुरक्षित हैं तो फिर कौन सुरक्षित है.
पत्रकारों के सामने भावुक हुईं विनेश फोगाट, निकले आंसू
मंत्रालय और कमेटी से तीन महीने से जवाब मांगने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन न वक्त मिल रहा है और न ही जवाब. उन्होंने WFI अध्यक्ष ब्रजभूषण के लिए कहा कि नहीं पता उनको बचाने के लिए कौन लोग उनका साथ दे रहे हैं. अब जब तक हमें न्याय नहीं मिल जाता, हम इधर ही रहेंगे, इधर ही सोएंगे. बजरंग पूनिया ने भी कहा कि तीन महीने से कोशिश कर रहे हैं, लेकिन कोई जवाब नहीं आया. इसी बीच विनेश फोगाट भावुक हो गईं और रोने लगीं.
हाथ जोड़कर बोलीं साक्षी, हमें झूठा साबित मत करो
इसके बाद साक्षी मलिक ने कहा, हमें पहले भी भरोसा था, अभी भी भरोसा है कि हमें न्याय मिलेगा. इसीलिए हम जनता के सामने आए हैं. पीएम मोदी से भी गुहार है कि वे हमारी सुनें, हम बस इतना चाहते हैं कि कुश्ती सुरक्षित हाथों में जाएं. हमारी शिकायत पर कार्रवाई नहीं हो रही है, उस पर कार्रवाई हो. इतने दिनों में लोगों ने आरोप लगाने शुरू कर दिया है कि हम खत्म (खेल से) हो चुके हैं. उन्होंने अपील करते हुए कहा, हमें झूठे साबित मत करो.
मरेंगे तो जंतर-मंतर पर मरेंगे, पूरा देश देखे तो सहीः विनेश फोगाट
कमेटी की रिपोर्ट से जुड़े एक और प्रश्न के जवाब में विनेश फोगाट ने कहा कि, कमेटी की रिपोर्ट सबमिट हो गई, लेकिन रिपोर्ट में क्या है कमेटी को बताना चाहिए. कमेटी क्या कर रही है, क्या नहीं हमें नहीं पता. जब उनसे पूछा गया कि पीड़ित इस बारे में क्या कहते हैंतो विनेश ने कहा, हैरेसमेंट वाला क्या बोलता है, वो खुद को दोषी मान रहे हैं. हमें नहीं पता कमेटी क्या कर रही है. कमेटी -मंत्रालय में क्या बात हुई ये भी हमें नहीं पता. उन्होंने कुश्ती संघ के अध्यक्ष ब्रजभूषण के नारको टेस्ट की मांग भी की है. विनेश फोगाट ने कहा, कुश्ती के परिवार से हैं हम, हम जंतर-मंतर पर मरेंगे, पूरा देश देखे तो सही.
महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस को जारी किया नोटिस
दिल्ली महिला आयोग (DCW) की अध्यक्ष ने महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के मामले में FIR दर्ज न करने पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर दिया है. महिला पहलवानों ने आयोग से शिकायत की है कि उन्होंने 2 दिन पहले दिल्ली पुलिस को लिखित शिकायत दी थी, लेकिन अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई है.
18 जनवरी को पहलवानों ने लगाए थे आरोप
बता दें कि, 18 जनवरी 2023 को कुश्ती महासंघ और पहलवानों का ये विवाद सामने आया था. जंतर-मंतर पर विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक समेत कई दिग्गज पहलवान इकट्ठा हुए थे. उस दिन भी शाम 4 बजे कुश्ती खिलाड़ियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे. ब्रजभूषण सिंह के खिलाफ पहलवानों ने प्रमुख तौर पर पांच आरोप लगाए हैं.
1. यौन शोषण
2. तानाशाही-मनमानी
3. अपशब्दों का प्रयोग
4. मानसिक प्रताड़ना
5. आवाज उठाने पर धमकाने का आरोप
आरोपों की कहानी, पहलवानों की जुबानी
विनेश फोगाट ने महिला पहलवानों के साथ यौन शोषण किए जाने का मुद्दा उठाया था. उनका कहना है कि ‘मैं खुद यौन उत्पीड़न के 10-20 केसों के बारे में जानती हूं. उन्होंने कोच और रेफरी पर भी आरोप लगाए.’ फोगाट ने आगे कहा- ‘जब हाई कोर्ट हमें निर्देश देगा तब हम सभी सबूत पेश करेंगे. हम पीएम को भी सभी सबूत सौंपने को तैयार हैं.
सिर्फ लखनऊ में कैंप, तानाशाही का आरोप: कई कुश्ती खिलाड़ियों का आरोप है कि भारतीय कुश्ती संघ की तानाशाही के आगे उन्हें अपमानित होना पड़ता है, जबकि वह विदेशों तक भारत का परचम लहराते हैं. एक आरोप यह भी है कि ‘जबसे अध्यक्ष जी हैं, लखनऊ में ही कैंप क्यों लगता है.’
आरोप, गाली देते हैं ब्रजभूषण सिंह: पहलवानों का आरोप था कि रेसलर फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह ने अपशब्दों का प्रयोग किया था और खिलाड़ियों को गाली भी दी गई थी. वो विशेष रूप से खिलाड़ी और राज्य को टारगेट कर रहे हैं.
मानसिक प्रताड़ना का शिकार हुए खिलाड़ी: विनेश फोगाट ने कहा है कि घायल होने पर कोई जिम्मेदारी नहीं लेता है. नेशनल ना खेलने की बात करते हैं. उन्होंने रोते हुए कहा था कि ‘अध्यक्ष ने मुझे खोटा सिक्का बोला था.’ फेडरेशन ने मुझे मेंटली टॉर्चर किया. मैं इसके बाद सुसाइड करने की सोच रही थी. बजरंग पूनिया ने कहा था कि महासंघ द्वारा हमें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है. फेडरेशन द्वारा एक दिन पहले ही नियम बना लिए जाते हैं. सारी भूमिका प्रेसिडेंट निभा रहे हैं. प्रेसिडेंट हमसे गाली-गलौज करते हैं. प्लेयर्स को थप्पड़ मार दिया था.
आरोप, शिकायत करने पर खिलाड़ियों को धमकाया गया: विनेश फोगाट ने यह भी कहा था कि ‘वे (संघ) हमारे निजी जीवन में भी दखल देते हैं और हमें परेशान करते हैं. वे हमारा शोषण कर रहे हैं. जब हम ओलंपिक में गए थे तो हमारे पास फिजियो या कोच नहीं था. जंतर मंतर के पहलवानों का कहना है कि जब से हमने आवाज उठाई है, हमें धमकाया जा रहा है.’
विवाद, जो बने थे चर्चा का विषय
कुश्ती महासंघ और पहलवानों के बीच का विवाद सामने दिख रहे आरोपों से थोड़ा अलग भी है. साल 2022 में एक खबर आई थी, जब कुश्ती महासंघ ने निजी और गैर-सरकारी संगठनों को पहलवानों की मदद करने पर रोक लगा दी थी. महासंघ ने कहा था कि उसे गैर सरकारी संस्थानों का हस्तक्षेप नहीं चाहिए और ये संस्थान अब पहलवानों की मदद WFI की अनुमति के बिना नहीं कर सकते हैं. लिहाजा, पहलवानों को मिलने वाली सुविधाएं जैसे मनपसंद विदेशी कोच, फिज़ियो और विदेशों में ट्रेनिंग मिलनी बंद हो चुकी थी. खिलाड़ियों को प्राइवेट स्पान्सरशिप मिलनी बंद हो गई थी. इस पूरे मामले में विवाद की एक जड़ ‘क्रेडिट’ की लड़ाई भी है.
जब विनेश फोगाट पर लगे थे अनुशासन हीनता के आरोप
इस पूरे मामले को अगस्त 2021 में विनेश फोगाट से जुड़ी हुई एक खबर से भी देख सकते हैं, जब उन पर अनुशासनहीनत के आरोप लगे थे. भारतीय कुश्ती महासंघ ने विनेश फोगाट पर टोक्यो ओलंपिक के दौरान अनुशासनहीनता के आधार पर प्रतियोगिताओं में भाग लेने पर रोक लगा दी थी. विनेश टोक्यो ओलंपिक में क्वार्टर फाइनल में हार कर बाहर हो गई थीं. विनेश ने अपने साथी खिलाड़ियों के साथ ठहरने से ही इनकार नहीं किया था, बल्कि टूर्नामेंट के दौरान उनके साथ ट्रेनिंग भी नहीं की थी. इसके साथ ही विनेश ने भारतीय दल के आधिकारिक प्रायोजक के बजाय निजी प्रायोजक के नाम का ‘सिंगलेट’ पहना था, जिससे WFI ने उन्हें निलंबित कर दिया था.
कुश्ती महासंघ पर कई तरह की अनियमितता के भी आरोप
खिलाड़ियों ने आरोप लगाया है कि कुश्ती संघ में ऐसे लोग हैं, जिन्हें इस खेल के बारे में नहीं पता है. कुश्ती संघ अध्यक्ष पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप भी है. खिलाड़ियों का आरोप है कि जब भी ट्रायल्स का आयोजन होता है, तो उसका दिन और समय अक्सर उनके हिसाब से तय होता है. नेशनल चैंपियनशिप बुनियादी सुविधाओं की कमी होती है. बृज भूषण शरण सिंह ने एक जूनियर पहलवान को सबके सामने थप्पड़ मार दिया था. टरनेशनल टूर्नामेंट के लिए विदेश जाना हो, तो अंतिम समय तक टिकट और वीज़ा के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी खिलाड़ियों को नहीं दी जाती है.
ये है ब्रजभूषण सिंह का पक्ष
पहलवानों के इन आरोपों को ब्रजभूषण सिंह नकारते रहे हैं. उन्होंने जनवरी 2023 में कहा था कि, उनके खिलाफ प्लानिंग करके आरोप लगाए गए हैं. इस दौरान ब्रजभूषण ने एक और बात का इशारा किया था. उन्होंने कहा था कि ‘एक भी खिलाड़ी ओलंपिक के बाद नेशनल नहीं लड़ा, ट्रायल के बाद भी फेवर चाहते हैं, ये चाहते हैं इनकी एक कुश्ती हो जाए, वजन तोड़ना पड़ता है. किसी विशेष के लिए कोई नियम नहीं होगा. मैं जांच के लिए तैयार हूं.