आज 14 फरवरी को देशभर में बसंत पंचमी मनाई जा रही है। बसंत पंचमी का त्योहार माघ महीने में पड़ने वाले शुक्ल पक्ष के पंचमी को यानी पांचवें दिन मनाया जाता है, इसलिए इसे बसंत पंचमी कहा गया है। बसंत पंचमी के दिन विद्या, ज्ञान, संगीत एवं कला की देवी मां सरस्वती जी प्रकट हुई थीं। इस दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है।  

माता सरस्वती को लगाएं मीठे चावल का भोग

मां सरस्वती को पीला रंग अतिप्रिय है। इसलिये अगर इस दिन माता को भोग लगाने के लिए पीला मीठा चावल बनाएं और भोग लागाएं तो माता बहुत प्रसन्न होती है। मां को पीला भोग लगाने से कृपा होती है। यदि आप भी इस बार पीला मीठा चावल का भोग मां को लगाना चाहते है, तो यहां हम आपकों इसे बनाने का आसान तरीका बता रहे हैं। इससे आसानी से माता का भोग बनकर तैयार हो जाएगा। आइए जानते हैं पीला मीठा चावल बनाने का आसान तरीका।

पीले मीठे चावल बनाने की सामग्री

इसे बनाने के लिए बासमती चावल और चीनी मुख्य सामग्री है। एक कप बासमती चावल के लिए किन-किन जीचों की आवश्यकता है। ये रही लिस्ट – 3/4 कप चीनी, 2 टेबलस्पून देसी घी, 5-6 कप पानी, 1 तेजपत्ता, 2 लौंग, 1 टेबलस्पून बादाम (कटा हुआ), 1 टेबलस्पून काजू (कटा हुआ), 4 हरी इलायची, 15 पत्तियां केसर, एक चुटकी पीला रंग (खाने वाला) या हल्‍दी। 

पीले मीठे चावल बनाने की विधि

सबसे पहले बासमती चावल को अच्‍छे से धो लें। फिर कुछ देर के लिए ऐसे ही छोड़ दें। दूसरी ओर एक कटोरी दूध में केसर और पीला रंग डालकर उसे थोड़ी देर के लिए छोड़ दें। इसके बाद अन्य सामग्री तैयार कर लें, जैसे इलाइची के छिलके को उतारकर एक बर्तन में रख लें। काजू और बादाम को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें। 

ऐसे करें तैयार

अब ये सब करने के बाद एक पैन को गैस पर रखकर गर्म करें। उसमें घी डाले और उसे गर्म करें। घी गर्म हो जाए, तो उसमें तेजपत्ता, लौंग और इलाइची डाल दें। अब उसमें चावल डालकर उसे 2 से 3 मिनट तक भूनें। दो मिनट बाद चावल में पानी डालकर उसे पकने के लिए छोड़ दें। जब चावल अच्छी तरह से पक जाए, तो चावल के पानी को छान लें। फिर चावल को बर्तन में ठंडा होने के लिए कुछ समय के लिए छोड़ दें। 

इस दौरान एक पैन में घी डालकर उसे गर्म करें और फिर उसमें काजू डालकर उसे धीमी आंच पर गुलाबी होने तक फ्राई करें। काजू अच्छी तरह से फ्राई हो जाए, तो उसे निकालकर अलग कर लें। अब उसी पैन में पके हुए चावल को डालकर उसमें चीनी डाल दें। इसके बाद तैयार किए गए केसर वाला रंग को चावल में डाल दें। चावल में चीनी डालते ही चाशनी बननी शुरू हो जाती है, ऐसे में गैस की आंच को तेज करके चावल को चलाते हुए चाशनी को सूखने दें। जब चाशनी सूख जाए, तो उसमें पिसा हुआ इलायची, काजू और बादाम डाल दें। अब चावल को गैस से उतार कर ठंडा होने के लिए छोड़ दें। ठंडा होने के बाद उसे एक साफ बर्तन में निकाल कर मां सरस्वती को प्रसाद के रूप में भोग लगाएं और माता के इस प्रसाद को सभी में बांटें।

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