Ganesh Damodar Savarkar : वीर सावकर के बड़े भाई गणेश दामोदर सावरकर उपाख्य बाबाराव सावरकर भी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अमर सेनानी थे. बाबाराव सावरकर का जन्म 13 जून को महाराष्ट्र के भगूर गाँव में हुआ था. बचपन से ही भारत को स्वाधीन करवाने की इच्छा उनके मन में बलवती होने लगी थी. पिता दामोदर राव के मार्गदर्शन में उन्होंने तलवार एवं बंदूक चलाने की शिक्षा ली थी. बाबाराव ने न केवल स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया, बल्कि अनेक विषयों पर पुस्तकें लिखने के साथ ही समाचार पत्रों (केसरी, लोकमान्य, मराठा, वंदे भारतम्, सकाल) में जन जागरण के लिये लेखन भी किया. ख्रिस्ताचे हिन्दुत्व (ख्रिस्त का हिंदुत्व) पुस्तक विशेष चर्चित रही. अन्य पुस्तकों में वीर बैरागी, हिंदुराष्ट्र – पूर्वी-आता-पुढे, राष्ट्रमीमांसा व हिंदुस्थानचे राष्ट्रस्वरूप, वीरा-रत्न)-मंजुषा आदि शामिल हैं.

बंगभंग आंदोलन के पश्चात् सर्वत्र स्वदेशी आंदोलन शुरू हुआ, उन में बाबाराव की सक्रिय भागीदारी रही. वीर सावरकर को अभिनव भारत संस्था की स्थापना की प्रेरणा बाबाराव से ही मिली थी. बाबाराव का मानना था कि सशस्त्र क्रांति से देश स्वतंत्र हो सकता है.


ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध चल रहे संग्राम में सहभागिता के कारण बाबाराव पर मुकदमा चलाया गया तथा 08 जून 1909 को उन्हें काले पानी की सजा सुनाई गई. सजा के दौरान अंदमान की सेल्युलर जेल में अनेक यातनाएं झेलनी पड़ीं.

16 मार्च 1945 में बाबाराव सावरकर का निधन हो गया. महाराष्ट्र के सांगली शहर में उनका स्मारक बनाया गया है.

आपको ये जानकारी कैसी लगी नीचे कमेंट बॉक्स में अपने विचार जरुर शेयर करें। ऐसी ही और अन्य जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट क्लिक कीजिए।

By pratik khare

पत्रकार प्रतीक खरे झक्कास खबर के संस्थापक सदस्य है। ये पिछले 8 वर्ष से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने कई समाचार पत्र, पत्रिकाओं के साथ - साथ समाचार एजेंसी में भी अपनी सेवाएं दी है। सामाजिक मुद्दों को उठाना उन्हें पसंद है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights