World Heritage Day 2024: दुनिया भर में कई ऐसे ऐतिहासिक धरोहरें हैं, जो सालों से अपने अंदर न जाने कितने किस्से और कहानियों को संजोए हुए है। इन स्मारकों और स्थलों को देखने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं। ऐसी विरासतों को संभाले रखने के लिए ही विश्व विरासत दिवस मनाया जाता है। हर साल 18 अप्रैल को आयोजित होने वाला यह एक अंतर्राष्ट्रीय पर्यवेक्षण है। दुनिया भर में इस दिन को स्मारकों और विरासत स्थलों की यात्रा करके, सम्मेलनों में शामिल होकर, राउंड टेबल और समाचार पत्रों के लेखों समेत कई अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है।
World Heritage Day 2024: इतिहास
यह दिन पहली बार 1983 में संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) द्वारा मनाया गया था। यूनेस्को के 22वें आम सम्मेलन के दौरान इसे विश्व आयोजन के रूप में मान्यता मिली थी।
World Heritage Day 2024: महत्व
विश्व विरासत दिवस को मनाने का उद्देश्य ग्रह पर सांस्कृतिक विरासत और विविधता के बारे में लोगों के बीच जागरूकता फैलाना है।
World Heritage Day 2024: थीम
1983 के बाद से, स्मारकों और स्थलों पर अंतर्राष्ट्रीय परिषद ने एक विषय निर्धारित किया है और हर साल इसे अलग-अलग थीम के साथ मनाया जाता है। 2023 में विश्व विरासत दिवस “विरासत परिवर्तन” (HERITAGE CHANGES) के विषय के तहत मनाया जाएगा। विश्व विरासत दिवस 2024 के लिए निर्धारित विषय “Exploring and embracing diversity” यानि “विविधता को जानें और अपनाएं” है। यह विषय दुनिया भर में फैले सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहरों के समृद्ध जाल को मनाने का सार है।
भारत के विश्व धरोहर स्थल
भारत में कुल 3691 ऐसे स्मारक और स्थल हैं, जिसमें से 40 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों के रूप में नामित हैं। इसमें ताजमहल, अजंता की गुफाएं और एलोरा की गुफाएं शामिल हैं। विश्व धरोहर स्थलों में असम में काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान जैसे प्राकृतिक स्थल भी शामिल हैं।