घर बनवाने के लिए लोगों को अधिक पैसे की जरूरत पड़ती है। इसलिए लोग घरों के बैंकों से होम लोन लेते हैं। यह लोग काफी बड़ी राशि की होती हैं और लंबी अवधि चलते हैं, इस वहज से अन्य लोन की अपेक्षा ब्याज दर अधिक होती है। अगर आप शादी शुदा हैं और घर के लिए होम लोन लेना की योजना बना रहे हैं तो कोशिश करें पत्नी के संग होम लोन लें।

आज के समय में अगर 100 वर्ग गज में ठीक ठाक 4 कमरों के घर का निर्माण कराया जाए तो कम के कम 5 लाख से लेकर 8 लाख रुपये तक खर्चा हो जाएगा। अगर कहीं इससे ऊपर बढ़े तो पैसे की निवेश की सीमा भूल जाइये। यह खर्चा तब है, जब आपके पास से जमीन पहले से मौजूद हो। अगर नहीं है तो लोकशन के हिसाब से पैसा इसमें और जोड़ लीजिए। इन्ही सबको देखते हुए कहा गया है कि घर बनाने में लोगों की गढ़ पूंजी खत्म हो जाती है। अगर सपना का घर बनाना है तो अधिक पैसा खर्च करना होगा।

ये होते हैं फायदे

घर बनवाने के लिए लोगों को अधिक पैसे की जरूरत पड़ती है। इसलिए लोग घरों के बैंकों से होम लोन लेते हैं। यह लोग काफी बड़ी राशि की होती हैं और लंबी अवधि चलते हैं, इस वहज से अन्य लोन की अपेक्षा ब्याज दर अधिक होती है। अगर आप शादी शुदा हैं और घर के लिए होम लोन लेना की योजना बना रहे हैं तो कोशिश करें पत्नी के संग होम लोन लें। ज्वाइंट होम लोन भी कहते हैं। सिंगल होम लोन के तुलना में पत्नी के संग लिया गया होम लोन के कई फायदें, जो आपकी जेब पर असर कम डालते हैं। तो आइये जानते हैं ज्वाइंट होम लोन के फायदे…।

लोन की राशि अधिक मिलती है

पत्नी के संग मिलकर लिया गया ज्वाइंट होम लोन अच्छी ब्याज दर पर अधिक राशि के लिए मिलता है,क्योंकि यहां पर दोनों की इनकम जोड़ी हुई होती है। बस क्रेडिट स्कोर अच्छा होना चाहिए। इन लोन पर सेक्शन 80C के तहत इनकम टैक्स बेनेफिट भी हासिल कर सकते हैं। दोनों लोग ब्याज पर 2 लाख और मूलधन पर 5 लाख रुपए का लाभ उठा सकते हैं।

कम होती है ब्याज दर

पत्नी के संग होम लोन लेने पर ब्याज दर कम लगती है। हालांकि जब महिला को एप्लीकेंट बनाते हैं। बैंक महिलाओं को पुरुष की तुलना में कम ब्याज पर घर खरीदने के लिए लोन की सुविधा मुहैया करवाते हैं। यहां पर सामान्य होम लोन रेट से लगभग 0.05 फीसदी कर होता है। अगर इसका लाभ उठाना है तो पत्नी के संग होम लोन लें और उन्हें ही एप्लीकेंट बनाएं।

ईएमआई का लोड कम

किसी भी लोन की ईएमआई सबसे अधिक परेशान करती है। होम लोन की ईएमआई वैसे भी काफी बढ़ी होती है। ऐसे अगर आपने पत्नी की संग होम लोन लिया है तो ईएमआई का लोड कम होगा और यह मिस नहीं होगी।

आसानी से मिलता है लोन

अगर होम पर के प्रपोजल पर को-ऐक्लीकेंट का जिक्र होता है को लोन देने वाले वित्तीय संस्थाएं लेंडर्स को आसानी से लोन मुहैया करवाते हैं। यहां पर रिस्क रिवॉर्ड कम हो जाता है।

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