भारतीय नौसेना और कैब एग्रीगेटर कंपनी उबर इंडिया के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुआ है। इससे न केवल नौसेना के कर्मचारी बल्कि उनके परिवार और अतिरिक्त सदस्य भी लाभान्वित होंगे। भारतीय नौसेना परिवर्तन के युग की ओर खुद को आगे बढ़ाने का पुरजोर प्रयास कर रही है, ताकि वह अपनी परिचालन प्रक्रियाओं और क्षमताओं को नया आकार दे सके।

रक्षामंत्रालय के अनुसार भारतीय नौसेना ने मैसर्स उबर के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इस मौके पर नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आर हरि कुमार, एनडब्ल्यूडब्ल्यूए अध्यक्ष कला हरि कुमार और भारत, दक्षिण एशिया और मिस्र में उबर बिजनेस के वरिष्ठ कंट्री मैनेजर अभिनव मित्तू भी उपस्थित रहे।

क्या है उद्देश्य

इस एमओयू का उद्देश्य देश भर में नौसेना कर्मियों और उनके परिवारों की व्यक्तिगत यात्रा और आवागमन के लिए विश्वसनीय, सुविधाजनक, सुरक्षित और किफायती वाहन सुविधा प्रदान करना है।

‘डिजिटल इंडिया’ विजन को देगा गति

यह समझौता सीएनएस के ‘शिपफर्स्ट’ के तहत ‘हैप्पीपर्सनेल’ के दृष्टिकोण के अनुरूप बताया जा रहा है जो कि सशस्त्र बलों में इस प्रकार की पहली कोशिश है। यह परिवर्तनकारी बदलाव के लिए प्रौद्योगिकी को अपनाने की भारत सरकार के ‘डिजिटल इंडिया’ विजन को आगे बढ़ाने का काम करेगा।

नौसेना कर्मियों और उनके परिवारों को मिलेगा यह लाभ

1.  उबर ऐप पर एक वैयक्तिकृत प्रोफाइल बनाएगा। 

2. प्रीमियर एक्जीक्यूटिव कैब श्रेणी के जरिए कार्यालय आने-जाने के व्यस्त समय के दौरान बढ़ती कीमतों से सुरक्षा प्रदान करेगा। 

3. टॉप-रेटेड ड्राइवरों की उपलब्धता। 

4. सभी उबर वाहनों के लिए शून्य रद्दीकरण शुल्क। 

5. 24×7 प्रीमियम व्यवसाय सहायता।

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